लखनऊ / गाजियाबाद : अंबेडकर जयंती पर CM Yogi का फैसला – यूपी में पूरा नाम ‘भीमराव रामजी अंबेडकर’ का होगा प्रयोग। अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल को पूरे देश के साथ ही यूपी में मनाने के क्रम में CM Yogi आदित्यनाथ ने संगठन के साथ ही सरकार के स्तर पर अहम फैसला लिया है।
CM Yogi आदित्यनाथ ने तय किया है कि भारत के संविधान के निर्माता डॉ. अंबेडकर का पूरा नाम ‘भीमराव रामजी अंबेडकर’ ही प्रयोग में लाया जाएगा। पता चला है कि यह फैसला RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की ओर से मिले सुझाव के तहत CM Yogi ने लिया है।
बताया जा रहा है कि आज बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में RSS और यूपी भाजपा की हुई समन्वय बैठक इस मसले पर गंभीरता से मंथन हुआ और फिर फैसला लिया गया। इस फैसले के सियासी लिहाज से मायने काफी अहम हैं।
बसपा अपने खोए जनाधार को वापस पाने के लिए सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने के मिशन पर निकली है और उसमें भाजपा के साथ जुड़े पिछड़े-दलित वोटरों को आगे भी जोड़े रखने के लिए RSS और भाजपा थिंक टैंक की इस पर सहमति बनी है।
बैठक में साढ़े 4 घंटे रहे CM Yogi
गाजियाबाद के नेहरू नगर में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर आज बुधवार को हुई RSS और यूपी भाजपा की समन्वय बैठक में यूपी के CM Yogi आदित्यनाथ साढ़े 4 घंटे से अधिक समय तक मौजूद रहे।
इस बैठक में RSS के बड़े पदाधिकारी और यूपी भाजपा के नेता मौजूद रहे। बैठक में RSS के मेरठ और ब्रज क्षेत्र के पदाधिकारी शामिल रहे। साथ ही यूपी भाजपा से CM Yogi के अलावा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी मौजूद रहे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में लगातार चार चुनावी जीतों- 2014 और 2019 के लोकसभा और 2017, 2022 के विधानसभा चुनावों में- भाजपा ने अपनी जातिगत छत्रछाया- मोटे तौर पर गैर-जाटव दलित, गैर-यादव ओबीसी और उच्च जातियों को बरकरार रखते हुए मुसलमानों को छोड़कर सबसे विविध प्रतिनिधित्व हासिल किया।
बीते 2024 के लोकसभा चुनाव में, सपा का पीडीए फॉर्मूलेशन ओबीसी और दलितों के एक बड़े हिस्से को अपने पाले में लाने में सफल रहा था। उससे भाजपा को करारा झटका लगा था। नतीजा यह हुआ था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सीटों की संख्या 2019 के 62 से घटकर पिछले लोकसभा चुनाव में 33 रह गई।
उसके बाद से लगातार केसरिया ब्रिगेड में अंदरखाने बैठकें होती रही हैं। अब अगले कुछ दिनों में राज्य भाजपा को नया अध्यक्ष मिलने की संभावना है। उसी क्रम में आज की इस समन्वय बैठक में पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष पर चर्चा हुई है।
बताया जा रहा है कि उसके लिए प्रदेश भाजपा ने प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस प्रक्रिया में पार्टी के जिला अध्यक्षों का चुनाव शामिल है।
केसरिया ब्रिगेड अब सियासी समर में सपा के पीडीए और बसपा के सत्ता के मास्टर चाबी हासिल करने के मिशन के की काट के रूप में अपने को दिलोदिमाग से तैयार करने में जुट गई है ताकि अतीत से सबक लेते आगे के सियासी संग्राम में पेश होने वाले चुनौतियों से पार पाने में कहीं कोई चूक ना हो।

आंबेडकर जयंती पर RSS का सुझाव स्वीकार
बताया जा रहा है इसी बैठक में RSS की ओर से यह महत्वपूर्ण सुझाव दिया गया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर के पूरे नाम “भीमराव रामजी आंबेडकर” का ही उपयोग किया जाए।
इसके पीछे दस्तावेजी तर्क देते हुए RSS ने कहा कि रामजी शब्द को षड्यंत्रपूर्वक डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम से हटा दिया गया था, जबकि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान पर अपने पूरे नाम से हस्ताक्षर किए थे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, RSS ने ही बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा कि आंबेडकर के नाम से पहले “आदरणीय”, “परम आदरणीय” या “पूजनीय” जैसे सम्मानजनक शब्दों का उपयोग किया जाना चाहिए। साथ ही, यह सवाल भी उठाया कि उनकी तस्वीरों में हमेशा नीला रंग ही क्यों दिखाया जाता है और क्या अन्य रंगों का प्रयोग संभव नहीं है ?
RSS ने इस पर विचार करते हुए आंबेडकर की छवियों में विविधता लाने की बात कही। इसी क्रम में बैठक में तय हुआ कि 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती को पूरे उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाएगा।
इस वर्ष, कार्यक्रमों में डॉ. भीमराव आंबेडकर की अलग-अलग छवियों और उनके संपूर्ण नाम के साथ उनके योगदान को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।

बैठक में रहे RSS के 36 अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधि भी
गाजियाबाद में बुधवार को हुई RSS और यूपी भाजपा पदाधिकारियों की इस अहम समन्वयक बैठक पर सभी विपक्षी दलों की भी नजरें लगी हुई थीं। सभी बैठक में अंदरखाने हुए संवाद और बनी रणनीति का टोह लेने में जुटे हैं लेकिन RSS पदाधिकारी इस पूरे प्रसंग पर पूर्ववत मौन धारण किए हुए हैं।
दूसरी ओर भाजपा के लोग भी इस बैठक के बारे में कोई विशेष जानकारी न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं। लेकिन इस समन्वय बैठक को भाजपा एवं दिल्ली की सत्ता का रास्ता तैयार करने वाले यूपी की सियासत के लिए काफी अहम माना जा रहा है।

बैठक में यूपी के CM Yogi ने अपनी सरकार की तमाम योजनाओं और काम काज का ब्यौरा दिया और महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी गिनाईंं। इनमें महाकुंभ मेले की व्यवस्थाएं, कानून-व्यवस्था, और आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा की गई।
खासकर, आगामी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती को लेकर गहन विचार विमर्श हुआ। इस बैठक में CM Yogi के अलावा स्थानीय और क्षेत्रीय पदाधिकारी के साथ-साथ भाजपा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, 6 राष्ट्रीय पदाधिकारी और RSS के क्षेत्रीय प्रचारक भी मौजूद रहे।
इनमें 6 राष्ट्रीय और 50 प्रदेश स्तरीय अधिकारी शामिल थे। साथ ही, RSS के 36 अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधि भी इस चर्चा का हिस्सा बने। हर अनुषांगिक संगठनों के 2-3 प्रतिनिधि भी मौजूद थे। बैठक में कुल 228 लोग मौजूद रहे।
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