डिजिटल डेस्क : CM Yogi ने कहा – सड़क चलने के लिए होती है, लोग हिंदुओं से सीखें अनुशासन। CM Yogi आदित्यनाथ मंगलवार को अपने एक के बाद एक दिए गए बयानों को लेकर लगातार सियासी सुर्खियों में हैं। CM Yogi ने एक राष्ट्रीय समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में सड़क पर नमाज पढ़े जाने के मुद्दे पर खुलकर अपनी राय जाहिर की।
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CM Yogi ने कहा कि – ‘…सड़क चलने के लिए होती है और लोगों को हिंदुओं से अनुशासन सीखना चाहिए। …66 करोड़ लोग प्रयागराज में आए। इस दौरान कहीं कोई लूटपाट नहीं, कोई आगजनी नहीं, छेड़छाड़ नहीं, अपहरण नहीं और कोई तोड़फोड़ नहीं हुई, ये होता है धार्मिक अनुशासन।
…लोग श्रद्धाभाव के साथ आए, महास्नान के भागीदार बने फिर अपने गंतव्य चले गए। पर्व, त्योहार या कोई इस तरह के कार्यक्रम उदंडता करने के माध्यम नहीं बनने चाहिए। …अगर आपको सुविधा चाहिए तो अनुशासन को मानना सीखिए।’
‘कांवड़ यात्रा सड़क पर ही चलेगी…’
इसी इंटरव्यू में CM Yogi ने आगे कहा कि – ‘…आप तुलना कर रहे हैं कांवड़ा यात्रा की। कांवड़ा यात्रा हरिद्वार से लेकर गाजियाबाद तक या अन्य क्षेत्रों में जाती है वो सड़क पर ही चलेगी।
…क्या हमने कभी परंपरागत मुस्लिम जुलूस (मोहर्रम) को कभी रोका है ? हां, ये जरूर कहा कि ताजिया के साइज थोड़ा छोटे कर लो, क्योंकि हाईटेंशन तार होंगे उसकी चपेट में आओगे मर जाओगे और यही होता है।
…कांवड़ा यात्रा में कांवरियों से भी डीजे के साइज छोटे करने के लिए बोला जाता है, उसमें शक्ति करते हैं। कानून सभी के लिए बराबर लागू किए जा रहे हैं।
…ईद में कौन सा प्रदर्शन करेंगे, घंटों सड़कें जाम करेंगे नमाज पढ़कर ? नमाज पढ़ने की जगह ईदगाह होगी, मस्जिद होगी… सड़क नहीं हो सकती।’

CM Yogi – राजनीति में मैं हमेशा के लिए नहीं…
इसी इंटरव्यू में CM Yogi के एक और सियासी बयान ने हलचल मचा दी है। CM Yogi आदित्यनाथ ने अगले PM पद की रेस में होने से साफ इंकार किया है। साथ ही स्पष्ट बोला है कि – ‘…राजनीति में मैं हमेशा के लिए नहीं हूं।’
CM Yogi ने आगे कहा कि – ‘…राजनीति में धर्म का मिलन गलत नहीं है। …ये हमारी गलती है कि हम धर्म को कुछ स्थानों के लिए सीमित कर देते हैं और राजनीति को कुछ लोगों के लिए छोड़ देते हैं।
…इससे समस्याएं उत्पन्न होती हैं। …राजनीति का उद्देश्य स्वार्थों की पूर्ति करना नहीं है बल्कि समाज की भलाई करना है। इसी तरह धर्म का उद्देश्य भी परमार्थ होता है।
…जब धर्म का प्रयोग स्वार्थ की पूर्ति के लिए होता है तो मुश्किल आती है लेकिन परमार्थ का उद्देश्य होने पर धर्म प्रगति के मार्ग खोलता है।
…मैं दिल से एक योगी हूं और राजनीति मेरा पूर्णकालिक व्यवसाय नहीं है। …मैं मुख्यमंत्री पद पर उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा करने के लिए हूं और मैं हमेशा के लिए राजनीति में नहीं आया हूं।
…मेरी पार्टी भाजपा ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है उसे मैं निभा रहा हूं। …मैं कब तक राजनीति में रहूंगा इसकी समय सीमा है। …मैं हमेशा के लिए राजनीति में नहीं हूं।’

CM Yogi बोले – भाजपा नेतृत्व की वजह आज यहां बैठा हूं…
CM Yogi ने बेलागी से कहा कि – ‘…इस तरह के बयान ‘सिर्फ बोलने के लिए’ दिए जाते हैं। …मतभेद का सवाल कहां से आता है? आखिरकार, मैं पार्टी की वजह से ही यहां बैठा हूं।
…अगर केंद्रीय नेताओं के साथ मेरे मतभेद हैं, तो क्या मैं यहां बैठा रह सकता हूं ?
…दूसरी बात टिकट वितरण की है। ये पार्टी का पार्लियामेंट बोर्ड तय करता है। पार्लियामेंट बोर्ड में सभी के विषय में चर्चा होती है। बाकायदा स्क्रीनिंग के जरिए वहां चीजें पहुंचती हैं।
…इसके लिए कोई कुछ भी बोल सकता है। मैं उसका मुंह नहीं बंद कर सकता हूं।’

बता दें कि हाल के सालों में CM Yogi आदित्यनाथ और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व, खासकर PM नरेंद्र Modi और गृह मंत्री अमित शाह के बीच मतभेद की अटकलें कई बार सामने आई हैं। ये खबरें मुख्य रूप से भाजपा के भीतर सत्ता की गतिशीलता के इर्द-गिर्द घूमती रही हैं।
उसी क्रम में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने गत दिनों आरोप लगाया था कि यूपी और केंद्र की सरकार एकमत नहीं हैं। वे स्थिति की तुलना डबल इंजन वाली सरकार से कर चुके हैं और कहते आए हैं कि दोनों इंजन टकरा रहे हैं।
उसके बाद इन दिनों PM नरेंद्र Modi के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं काफी तेज हैं और CM Yogi को उनके समर्थकों के द्वारा PM पद के दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। ये चर्चाएं PM के 30 मार्च को RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) मुख्यालय जाने के बाद और तेज हो गई हैं।
सोशल मीडिया पर हो रही चर्चाओं में CM Yogi और महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर आंका जा रहा है।
उसी पर इस पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी बयान दिया है कि – ‘देश का अगला प्रधानमंत्री महाराष्ट्र से होगा।’ उस पर CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि – ‘…मोदी जी ही देश का नेतृत्व करेंगे। …हमारी संस्कृति में जब तक पिता जीवित होता है उत्तराधिकारी की बात नहीं की जाती है।’