सीएम ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के खिलाफ Jharkhand में शिकायत दर्ज, जाने क्या है पूरा मामला…

Jharkhand

Ranchi : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अखिलेश यादव की परेशानी बढ़ने वाली है। ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के खिलाफ झारखंड (Jharkhand) में शिकायत दर्ज कराया गया है। यह शिकायत ऑनलाईन दर्ज कराया गया है। दोनों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराया गया है। यह शिकायत मुसलमान-आदिवासी एकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक सैयद दानियाल दानिश ने बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का ऑनलाइन मुकदमा दर्ज कराया है।

बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ने वाले सैयद दानियाल दानिश ने अपने ऑनलाइन शिकायत में लिखा है कि मैं सैयद दानियाल दानिश रोड no: 15 मानगो ,जमशेदपुर का निवासी हूँ। मैं भारत का जिम्मेदार और जागरूक नागरिक हूँ ,झारखंड राज्य की जनता के हित में लड़ाई लड़ता हूं। वर्तमान में बांग्लादेशी घुसपैठियों को झारखण्ड से बाहर निकालने के लिए झारखण्ड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें देश से बाहर कराने का आदेश पारित करवाया है।

Jharkhand : कल बंगाल में सीएम ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने दिया था बयान

कल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि 21 जुलाई को कोलकाता के शहीद दिवस रैली में बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उतर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुले मंच से बांग्लादेशियों को बंगाल में शरण देने की घोषणा की है।मीडिया में छपी खबरों के अनुसार उन्होंने कहा है कि “पश्चिम बंगाल के दरवाजे इस विडंब संकट में आए हुए बांग्लादेशियों के हमेशा खुले हुए हैं। हमें बांग्लादेशी मामलो को हवा नहीं देना चाहिए बल्कि अगर बांग्लादेशी लोग हमारे दरवाजे पर आएंगे तो हमे उन्हें शरण देना चाहिए।

सीएम का भारत में आने का निमंत्रण देना और बुलाना देशद्रोह है

दानिश ने शिकायत में लिखा है कि पूरा बंगाल, असम और झारखंड अवैध बांग्लादेशियों से परेशान है। झारखण्ड के संथाल में लैंड जिहाद और लव जिहाद के माध्यम से राज्य के लोकल आदिवासियों की जमीन और इज्जत लूट रहे है, वहीं लोकल मुस्लमानो और आदिवासियों के बीच अपने कृत्य के कारण नफरत और अशांति भी पैदा कर रहे हैं। एक चुनी हुई मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा खुले मंच से बांग्लादेशियों को भारत में आने का निमंत्रण देना और बुलाना देशद्रोह है।

इसलिए इन दोनों माननीयों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए। दानिश ने कहा कि किसी भी कीमत पर हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि देश की जनता के हक में चुने गए जनप्रतिनिधि विदेशियों को खुलेआम आमंत्रित करें देश में रहने के लिए और उनके वोट बैंक बनने के लिए। देश की जनता की लाचारी उन्हें शर्मिंदा क्यों नहीं करती यह ताजुब की बात है।

 

 

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