रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में पेसा कानून (PESA Act) लागू नहीं करने पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पंचायती राज विभाग की प्रधान सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है। यह नोटिस बुधवार को चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने आदिवासी बुद्धिजीवी मंच की ओर से दायर अवमानना याचिका संख्या 96/2025 पर सुनवाई करते हुए जारी किया।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 29 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो महीने के भीतर झारखंड में पेसा कानून लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके अब तक राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है।
कोर्ट को यह भी अवगत कराया गया कि झारखंड पंचायती राज अधिनियम, 2001 में संशोधन कर अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून के कई प्रावधान शामिल किए जा चुके हैं, लेकिन इसका वास्तविक क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर आज भी नहीं हो सका है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि पेसा कानून को लागू करने की क्या तिथि तय की गई है। लेकिन सरकार की ओर से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा सका। इस पर खंडपीठ ने मुख्य सचिव और प्रधान सचिव को अवमानना नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 अगस्त 2025 की तिथि निर्धारित की है।