नालंदा : हरनौत प्रखंड के सरथा पंचायत के बहादुर गांव में जलजमाव की समस्या वर्षों से है। नाली के अभाव में घरों और सड़कों पर सालों भर गंदा पानी जमा रहता है। जिससे इर्द-गीर्द व राहगीरों का जीना दुश्वार है। एक ओर सरकार दाबा करती है कि गांव के नली गली व सड़क को शहर के तरह चमका देंगे। लेकिन जिम्मेदार लोग इसका सूद तक नहीं ले रहा है। सरकारी संविधाओं की बात को लेकर ग्रामीण कहते हैं कि पंचायत में कहीं भी विकास का काम ठीक तरीके से नहीं हुआ है। समाजसेवी सह शिक्षाविद सुरेश सिंह, राहुल कुमार, अमलेश, मोहित, शिवदानी, नीतील, गुड़िया, रीना, कोशिला और उषा आदि ग्रमीण कहते हैं कि पंचायत में कहीं भी विकास का काम ठीक तरीके से नहीं हुआ। नाली के अभाव में घरों और सड़कों पर सालों भर गंदा पानी जमा रहता है।
ग्रामीणों ने कहा कि मुखिया के पास जाते हैं तो कहते हैं कि अतिक्रमण है तो कैसै नाला का निर्माण किया जाएगा। उक्त लोगों ने प्रशासन से जलजमाव के मुक्ति की मांग की है। सरथा मुखिया निर्मला देवी व अन्य के द्वारा गैर मजरूआ जमीन पर अतिक्रमण मामले को लेकर शिकायत किया था। फिर भी प्रशासन का बुलडोजर नहीं चला। वहीं राजस्व कर्मचारी मृत्युंजय कुमार ने कहा कि पूरे गांव में दो वर्ष पूर्व 86 घरों के लिए नोटिस गया हुआ था। जहां तक इसे अतिक्रमण को हटवाने के लिए दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, सशस्त्र पुलिस बल, लाठी बल, महिला पुलिस बल एवं जेसीबी की प्रतिनियुक्ति कर 23 नवंबर 2023 को एसडीएम द्वारा आदेश जारी किया गया था।
पंचायत सचिव श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि यहां पर गैर-मजरूआ जमीन पर करीब 20 से 25 घर बनाकर अतिक्रमण कर लिया गया है। यह अतिक्रमण हटवाने के लिए बिहारशरीफ अनुमंडल के एसडीएम द्वारा अंचलाधिकारी के सहयोग से टीम का भी गठन किया गया था। लेकिन अतिक्रमण नहीं हटा तो नाला कैसै बन पाएगा। जिसके कारण जलजमाव है। वहीं इस संबंध में अंचला अधिकारी सोनू कुमार ने बताया कि अतिक्रमण का मामला संज्ञान में है। समय नहीं बच पाता है जिसके कारण वहां नहीं जा पाते हैं। देखते हैं सोमवार या मंगलवार को स्थल पर पहुंचते हैं। इसके बाद मामला को सॉर्टआउट किया जाएगा।
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राजा कुमार की रिपोर्ट