Desk. राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे से नाराज सदन के सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए और कुर्सी छोड़कर चल दिए। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें विपक्ष का समर्थन नहीं मिल रहा है और उन्हें लगता है कि वह इस पद के लिए अयोग्य हैं।
राज्यसभा में भड़के सभापति धनखड़
दरअसल, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा पहलवान विनेश फोगट की ओलंपिक में अयोग्यता पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा में हंगामा हो गया। इसके बाद सभापति धनखड़ ने कहा कि उन्हें कुछ समय के लिए बाहर जाना होगा। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही टीएमसी नेताओं ने अयोग्यता पर चर्चा करने की मांग की और कहा कि उन्होंने नोटिस दिया है। धनखड़ ने सदस्यों को बोलने की अनुमति नहीं दी और नोटिस के बारे में किसी निर्णय का उल्लेख नहीं किया, जिससे विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए और जानना चाहिए कि अयोग्यता के पीछे कौन है। वहीं टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन ने धनखड़ से सदस्यों को बोलने की अनुमति देने का आग्रह किया। वह नोटिस पर चर्चा की मांग करने के लिए उठे, लेकिन धनखड़ ने उन्हें आवाज उठाने और अमर्यादित होने के लिए डांटा।
धनखड़ ने कहा कि विपक्ष के आचरण ने सदन की मर्यादा का उल्लंघन किया और सभापति का अपमान किया। उन्होंने कहा कि हमने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र का सबसे खराब दौर देखा है। इसकी शुरुआत संसदीय संस्थाओं को चुनौती देने से होती है। उन्होंने कहा कि फोगाट के लिए पूरे देश का दिल दुख रहा है, लेकिन इस घटना का राजनीतिकरण नहीं किया जा सकता है।
वहीं सदन के नेता जेपी नड्डा ने विपक्ष के आचरण को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र लोगों को अपने विचार रखने की अनुमति देता है, लेकिन इसके लिए एक प्रक्रिया का पालन करना होता है। नड्डा ने कहा कि फोगाट की अयोग्यता के मुद्दे को सरकार बनाम विपक्ष के राजनीतिक मुद्दे के रूप में नहीं देखा जा सकता है।