RANCHI: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य की हेमंत सरकार को झारखण्ड विधानसभा से पारित ‘झारखण्ड वित्त विधेयक- 2022’ में लिखे गये बिंदुओं व विवरणों की गंभीरतापूर्वक समीक्षा किये जाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि यह भारत के संविधान की अनुसूची सात के अंतर्गत राज्य सूची में समाहित है अथवा नहीं. विधेयक में बीमा अथवा अन्य प्रावधानों से संबंधित कोई विवरण संघ सूची अथवा समवर्ती सूची में तो सम्मिलित नहीं है?

ज्ञात हो कि भारत के संविधान के अनुसूची सात के अंतर्गत
संघ सूची-1 के क्रम संख्या 47 में बीमा से संबंधित विषय का वर्णन किया गया है.
राज्यपाल ने इन बिन्दुओं पर राज्य सरकार को विधि विभाग
से राय लेकर इस विधेयक को अनुमोदन के लिये भेजने का निर्देश दिया है.
राज्यपाल ने निम्न बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित कराया है.
भारत के संविधान की अनुसूची VII के अंतर्गत राज्य सूची में समाहित है
अथवा नहीं विधेयक में बीमा अथवा अन्य प्रावधानों से
संबंधित कोई विवरण संघ सूची अथवा समवर्ती सूची में तो सम्मिलित नहीं है? ज्ञात हो कि भारत के संविधान के अनुसूची VII के अंतर्गत संघ सूची-I के क्रम संख्या 47 में बीमा से संबंधित विषय का वर्णन किया गया है.
पूर्व में भी दो बार राज्यपाल के अनुमोदन के लिए आया था यह विधेयक
यह विधेयक पूर्व में भी दो बार राज्यपाल के अनुमोदन के लिए आया था. पहली बार हिन्दी और अंग्रेजी संस्करण में रूपान्तरण संबंधी विभिन्न विसंगतियों के कारण इस विधेयक को वापस कर दिया गया. तत्पश्चात यह विधेयक राज्य सरकार द्वारा संशोधित विधेयक को बिना झारखण्ड विधान सभा से पारित किए ही राज्यपाल की सहमति के लिए भेजा गया. राज्यपाल ने राज्य सरकार को यह कहते हुए इस विधेयक को फिर वापस किया कि संशोधित विधेयक को झारखण्ड विधान सभा से पारित करा कर अनुमोदन प्राप्त करने के लिए भेजें.