हाथरस/ मैनपुरी : Hathras Stampede Updates – हाथरस हादसे के पीछे साजिश में सामने आ रहा सियासी एंगल, जांच टीमें सतर्क। यूपी के हाथरस में बीते 2 जुलाई को हुए विभत्स हादसे की जांच में जुटीं विशेष पुलिस टीम के सदस्यों के हाथ बड़े ही चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे हैं। इसकी इलेक्ट्रानिक, फिजिकल और फॉरेंसिक के साथ ही दस्तावेजी साक्ष्यों का मिलान करने का काम जारी है। उसके बाद ही यूपी सरकार और पुलिस इस बारे में टिप्पणी करेगी, अभी तक यही तय हुआ है। पता चला है कि हाथरस हादसे के पीछे की साजिश में सियासी एंगल का होना मिला है और उसी की सारी कड़ियों को मिलाया जा रहा है ताकि सप्रमाण सारे तथ्यों को सामने लाया जा सके। जारी पुलिस जांच में मिले फैक्ट के संबंध में संकेतों में मिली जानकारियों ने कई सियासी दलों में लोग खासे चिंतित हो गए हैं कि न जाने इस मामले में किसका नाम सामने आ जाए। इसी कड़ी में हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल के बयान पर गौर करना जरूरी है। उन्होंने शनिवार को हिरासत में लिए हादसे के मामले के आरोपियों के बाबत मीडिया से कहा कि अब तक की पूछताछ से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने राजनीतिक और निजी स्वार्थ के लिए इनसे जुड़ रहा है।
पुलिस के जांच से सकते में आईं कईं सियासी शख्सियतें
जांच में जुटी यूपी पुलिस टीम के रडार पर अब तक आ चुके संदिग्धों की गतिविधियों पर सतत निगरानी जारी है। साथ ही अब तक हिरासत में लिए एवं गिरफ्तार हो चुके आरोपियों से पूछताछ में भी कई रोचक तथ्य पुलिस को हाथ लगे हैं। पूछताछ में पता चला है कि कुछ समय पूर्व कुछ सियासी दलों द्वारा इन संदिग्धों और आरोपियों से संपर्क किया गया था। इनकी ओर से फंड इकट्ठा करने के संबंध में गहनता से जांच की जा रही है कि कहीं किसी तरह के कार्यक्रम में इनके संसाधन किसी सियासी दल के द्वारा पोषित तो नहीं किए जा रहे हैं। इसी तथ्य के सामने आते ही पश्चिमी यूपी समेत देश की सियासत में अहम साख रखने वाले दलों के नेताओं की भी घिग्घी बंधती दिख रही है और उनके बयानों के तेवरों में पहले जैसा पैनापन व तारतम्य के साथ गंभीरता नहीं है। उस पर भी लगातार विश्लेषण जारी है।
हाथरस एसपी ने सियासी एंगल का संकेत तो किया लेकिन खुलासा नहीं
हाथरस में शनिवार को एसपी निपुण अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। साथ ही राम प्रकाश शाक्य और संजू यादव को भी पकड़ा गया है। दोनों से पूछताछ की गई है। पूछताछ में मिली जानकारियों को खंगाला जा रहा है और उस पर जांच टीमें काम कर रही हैं। उन्होंने पूछताछ में मिले तथ्यों को साझा करने से इंकार किया और तर्क दिया कि इस अति संवेदनशील मामले में जारी जांच प्रक्रिया के दौरान कुछ भी कहना पूरी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। अलबत्ता एसपी निपुण अग्रवाल ने इतना जरूर कहा कि इस पूछताछ में यह भी पता चला है कि कुछ समय पूर्व कुछ राजनीति दलों द्वारा इनसे संपर्क किया गया था। फंड इकट्ठा करने के संबंध में एक जानकारी सामने आई है। उसकी गहनता से जांच की जा रही है कि कहीं किसी तरह के कार्यक्रम में इनके संसाधन किसी राजनीतिक पार्टी के द्वारा पोषित तो नहीं किए जा रहे हैं। बता दें कि हाथरस पुलिस टीम की ओर से की गई ताजा तीन गिरफ्तारियों से पहले छह आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
हादसे में पुलिस की रडार पर 72 आरोपी, इनकम टैक्स से भी मदद ले रही पुलिस
हाथरस हादसे की गंभीरता और संवेदनशीलता के देखते हुए शुरूआती पूछताछ में आरोपियों से मिले क्लू की पुष्टि पर अब जांच टीम का फोकस है। शनिवार को एसपी ने निपुण अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि जांच में पता लगा कि साकार हरि पर होने वाले खर्च के लिए हो सकता है कोई सियासी दल भी फंडिंग करता हो। इसकी अभी विस्तार से जांच की जाएगी। साथ ही साकार हरि की आय को लेकर इनकम टैक्स विभाग से भी संपर्क किया जाएगा। बैंक खाते, डोनेशन रिकार्ड तलब किया जाएगा। आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेकर आगे की विस्तृत पूछताछ की जाएगी। एसपी ने सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में सूरजपाल (नारायण साकार विश्व हरि) के सत्संग के बाद भगदड़ मामले के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर के समर्पण को पुलिस ने गलत बताया है। आईपीएस निपुण अग्रवाल ने बताया कि मधुकर सहित तीन आरोपियों को शुक्रवार की रात दिल्ली के नजबगढ़ से राह चलते गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार हुए इन आरोपियों में मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर के अलावा मैनपुरी के बेवर क्षेत्र स्थित खांकेताल निवासी रामप्रकाश शाक्य और सिकंदराराऊ के गोपालपुर निवासी संजू यादव है। हाथरस हादसे में पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडे की ओर से भारतीय न्याय सहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223, 238 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। मुख्य आयोजक की गिरफ्तारी के बाद अब आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले लोगों की भी पुलिस जानकारी जुटा रही है। आयोजकों के बोर्ड पर 72 नाम लिखे थे और पुलिस को उन सभी तलाश है।

हाथरस हादसे पर हुई गिरफ्तारियों पर बिफरे अखिलेश यादव, बोला सीएम योगी पर हमला
हाथरस मामले में शनिवार को बसपा सुप्रीमो के तीखे तेवर एवं ताजा पुलिस इनवेस्टिगेशन में संकेतों में उजागर तथ्यों के सामने आते ही सियासी तौर पर अपनी जमीन को सही रखने को सपा ने भी यूपी सरकार को निशाने पर लिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार हाथरस हादसे में छोटी-छोटी गिरफ्तारियां कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है। मामले में की जा रही गिरफ्तारियां अपने आप में एक षड्यंत्र हैं। इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन हाथरस हादसे में अपनी नाकामी छुपाने के लिए छोटी-मोटी गिरफ्तारियां दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी जिम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब ये निकलेगा कि इस तरह के आयोजन में हुई शासनिक-प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक नहीं लिया और ऐसी दुर्घटनाएं भविष्य में भी दोहरायी जाती रहेंगी।
अखिलेश यादव ने हाथरस हादसे में हुई गिरफ्तारियों की न्यायिक जांच की मांग की
शासन-प्रशासन किसी खास मंशा से व्यर्थ में ऐसे लोगों को गिरफ़्तार कर रहा है जो मूल आयोजन स्थल से दूर थे और गिरफ्तारी के बाद उनको ही दोषी ठहराये जाने की तैयारी कर रहा है। ये गिरफ्तारियां स्वयं में एक षड्यंत्र हैं। इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच हो, जिससे उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का खेल जनता के सामने लाया जा सके। अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि ऐसे आयोजन से उसका कोई लेना-देना नहीं था तो फिर भाजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं। इस कार्यक्रम में आये अधिकांश गरीब लोग दुखी, शोषित, पीड़ित, वंचित और दमित थे। इस आधार पर इसका मतलब तो ये भी निकलता है कि ऐसे लोगों से भाजपा सरकार का कोई सरोकार नहीं है जबकि सबसे पहले सरकार का ध्यान ऐसे लोगों की तरफ ही जाना चाहिए।