रांची: झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक रोशन ने रांची में ग्रेड 4 और 7 में प्राथमिक शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया है। यह निर्णय इन शिक्षकों के लिए पदोन्नति मानदंडों से संबंधित दो रिट याचिकाओं पर न्यायालय द्वारा विचार किए जाने के बाद लिया गया है।
पहली याचिका में ग्रेड 4 से ग्रेड 7 में पदोन्नति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की आवश्यकता को संबोधित किया गया था। याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा जारी पात्रता अधिसूचना में विसंगतियों को उजागर किया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि पदोन्नति के लिए टीईटी अनिवार्य है, लेकिन अधिसूचना से पहले कार्यरत लोगों के लिए यह आवश्यक नहीं है। नतीजतन, न्यायालय ने अंतिम निर्णय होने तक पदोन्नति प्रक्रिया को निलंबित कर दिया है।
दूसरी याचिका में दुमका, पश्चिमी सिंहभूम और हजारीबाग के शिक्षकों ने ग्रेड 7 में पदोन्नति मानदंडों को विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं होने पर चिंता व्यक्त की। सीधे भर्ती किए गए ग्रेड 4 के शिक्षक, जिन्होंने साढ़े आठ साल से अधिक समय तक सेवा की है, कथित तौर पर वरिष्ठता सूचियों से बाहर रखे गए हैं और मौजूदा नियमों के तहत पदोन्नति से वंचित हैं। परिणामस्वरूप, न्यायालय ने अगले आदेश तक ग्रेड 7 में पदोन्नति पर भी रोक लगा दी है।
दोनों मामले झारखंड में प्राथमिक शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रियाओं पर चल रही कानूनी जांच को दर्शाते हैं, जिसमें पात्रता मानदंड और विभागीय नियमों के पालन से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है।