डिजीटल डेस्क : भाजपा की सहयोगी TDP का अहम बयान – हम वक्फ संशोधन बिल नहीं लाने देंगे। केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी TDP ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर बड़ा बयान दिया है।
TDP के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने कहा है कि – ‘चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि जिस धर्म का जो भी बोर्ड है उसमें उसी धर्म के लोग होने चाहिए। हम ये वक्फ संशोधन बिल नहीं लाने देंगे…’।
नवाब खान बोले – चंद्रबाबू नायडू हैं सेकुलर जेहन के इंसान…
दिल्ली में आयोजित भारतीय संविधान सुरक्षा सम्मेलन में TDP के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने कहा कि – ‘वक्फ संशोधन बिल को नाकामयाब कराने के लिए आगे बढ़ना है। भारत की बदकिस्मती है कि पिछले 10-12 साल में यहां वो हुआ जो नहीं होना चाहिए था।
…हमारे चंद्रबाबू नायडू सेकुलर जेहन के इंसान हैं। वह हिन्दू और मुसलमान को एक ही नजर से देखते हैं। चंद्रबाबू नायडू का स्पष्ट कहना है कि जिस धर्म का जो भी बोर्ड है उसमें उसी धर्म के लोग होने चाहिए।
…अभी 15 दिसंबर को आंध्र प्रदेश में जमीयत का जलसा होने वाला है। …उस जलसे में चंद्रबाबू नायडू भी शामिल होंगे’।

TDP नेता के ताजा बयान से देश में वक्फ संशोधन बिल मसला गरमाने का संकेत…
TDP के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू के वक्फ संशोधन बिल पर ताजा बयान से देश की सियासत गरमाने के प्रबल संकेत हैं। केंद्र की मोदी सरकार के लिए TDP का समर्थन अहम हैं और TDP केंद्र के एनडीए को अपनी सियासी बैसाखी दिए हुए है।
ऐसे में TDP के ही उपाध्यक्ष का अपने सीएम के हवाले से दिया गया बयान काफी अहम है। इसे भाजपा और एनडीए के लिए आने वाले दिनों में परेशानी होना लाजिमी है क्योंकि वक्फ संशोधन बिल पर TDP का यही स्टैंड कायम रहा तो ऐसे में कुछ भी हो सकता है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी वक्फ संशोधन बिल को कहा – खतरनाक…
दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी वक्फ संशोधन बिल को लेकर बड़ा बयान दिया है कि –‘…वक्फ संशोधन बिल बहुत ही खतरनाक है। वक्फ कानून में तब्दीली की कोशिश हो रही है। मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसे सब खतरे में पड़ जाएंगे। नमाज, रोजा की तरह वक्फ भी इबादत है’।
बता दें कि यह प्रकरण तभी से तूल पकड़ा हुआ है जब संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था।
तब कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया और सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक के लिए जगदंबिका पाल के नेतृत्व में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया। जेपीसी में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्यों को हिस्सा बनाया गया है।

संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होना है वक्फ संशोधन बिल 2024….
वक्फ संशोधन बिल पर बनी जेपीसी को अब तक ईमेल के जरिए 90 लाख से भी अधिक सुझाव मिल चुके हैं और करीब 70 या 80 बॉक्स से लिखित सुझाव भी मिले हैं। इस बिल के मद्देनजर अब तक जेपीसी की कई बैठकें हो चुकीं है लेकिन मामला सुलझता होता नहीं दिख रहा है।
माना जा रहा है कि जेपीसी नवंबर के आखिरी हफ्ते तक अपनी रिपोर्ट तैयार कर संसद के शीतकालीन सत्र में पेश कर देगी। इससे पहले वक्फ पर बनी संयुक्त संसदीय समिति एक हफ्ते में 5 राज्यों का दौरा कर स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक करेगी।
वक्फ संशोधन बिल 2024 पर पब्लिक कंसल्टेशन के लिए समिति का ये आखिरी दौरा होगा। इसी क्रम में समिति 9 नवंबर को असम का दौरा शुरू करेगी। उसके बाद 11 नवंबर को समिति ओडिशा का दौरा करेगी और फिर कोलकाता, पटना व लखनऊ का दौरा करेगी।
Highlights