Desk. भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने की संभावना है। भारत सरकार ने दोनों ईंधनों पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी से पहले से ही मुद्रास्फीति के दबाव से जूझ रहे उपभोक्ताओं पर असर पड़ने की उम्मीद है। हालांकि, तेल विपणन कंपनियों ने कहा है कि इससे खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी। वहीं सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में ऐसे समय पर बढ़ोतरी की है, जब वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें नीचे की ओर बढ़ रही हैं।
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उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी ने बढ़ाई चिंता
हालांकि, सरकार राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी ने चिंताएं पैदा कर दी हैं। विशेष रूप से तब जब डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। क्योंकि ईंधन की ऊंची लागत से घरेलू बजट पर और दबाव पड़ सकता है तथा परिवहन और वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं।
खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी
वहीं पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कहा, “सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने सूचित किया है कि आज उत्पाद शुल्क दरों में की गई वृद्धि के बाद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी।” दिसंबर 2024 में सरकार ने वैश्विक तेल की कीमतों में गिरावट के कारण स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल और ईंधन निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर हटा दिया था।
पेट्रोल और डीजल के दाम
इस बीच 7 अप्रैल, 2025 को नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.77 रुपये प्रति लीटर, मुंबई में 103.50 रुपये, चेन्नई में 100.80 रुपये और कोलकाता में 105.01 रुपये होगी। वहीं, नई दिल्ली में डीजल की कीमत 87.67 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 92.39 रुपये, मुंबई में 90.03 रुपये और कोलकाता में 91.82 रुपये होगी।