Wednesday, July 2, 2025

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आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 60,000/ तक की छात्रवृति देगी सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन

Ranchi-सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन (एसडीएफ) ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के वैसे छात्रों के लिए,

जिनके द्वारा 2022 में 10वीं कक्षा पास किया गया है,

छात्रवृति दिये जाने की घोषणा की है. छात्रवृति का नाम विद्याधन छात्रवृत्ति है.

यहां बतला दें कि इस संस्था की स्थापना कुमारी शिबूलाल (संरक्षक) और

एस.डी. शिबूलाल (सह – संस्थापक, इंफोसिस) के द्वारा की गयी है.

यह छात्रवृति उन सभी छात्रों के लिए है, जिनकी वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम है.

12 राज्यों में पहले से ही छात्रवृति प्रदान कर रही है सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन

आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 60,000/ तक की छात्रवृति देगी सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन
आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 60,000/ तक की छात्रवृति देगी सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन

छात्रों एवं छात्राओं को 2022 में 10 वीं कक्षा की परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है,

साथ ही 75 प्रतिशत प्राप्तांक (दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए 60% प्राप्तांक) की अनिवार्यता होगी.

चयनित छात्र 10,000 रुपये / वर्ष की छात्रवृत्ति राशि के हकदार होंगे.

यदि वे अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखते हैं,

तो उन्हें उनकी रुचि के किसी भी डिग्री कोर्स को करने के लिए प्रति वर्ष

10,000 रुपये से 60,000 रुपये के बीच छात्रवृत्ति दी जाएगी.

सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन – यहां करें ऑनलाइन आवदेन

इसके लिए 30 सितंबर,2022 तक www.vidyadhan.org पर लॉग इन कर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. अधिक जानकारी के लिए vidyadhan.jharkhand@sdfoundationindia.com पर सम्पर्क किया जा सकता है या प्रोग्राम असोसीऐट राहुल देव से 9801704605/7903904428 किया जा सकता है.

जीवन को बदलने का पासपोर्ट है- कुमारी शिबूलाल

इसकी घोषणा करते हुए सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन की संरक्षक कुमारी शिबूलाल ने कहा कि

झारखण्ड के छात्र छात्राओं के लिए विद्याधन कार्यक्रम शुरू करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है.

हमारा प्रयास आर्थिक रूप से वंचित प्रत्येक मेधावी बच्चे को उच्च शिक्षा का अधिकार प्रदान करना है.

मेरा मानना है कि शिक्षा जीवन को बदलने का पासपोर्ट है.

मौद्रिक सहायता के अलावा, हम उन्हें अपने जीवन में सफल होने में मदद करने के लिए

करियर मार्गदर्शन और सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण भी प्रदान करते हैं.

हम सभी योग्य छात्रों/छात्राओं को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.

मैं बाहरी व्यक्तियों को भी विद्याधन मंच से जुड़ने के लिए आमंत्रित करती हूं.

और हमारे साथ एक बच्चे को शिक्षित करने की खुशी साझा करना  चाहती हूं।”

अब तक 27000 छात्रवृत्तियां बांट चुका है-

सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन ने इस वर्ष तक लगभग 27000 छात्रवृत्तियां दी हैं.

फाउंडेशन के संरक्षकों को उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में यह संख्या 1,00,000 छात्रवृत्तियों तक पहुंच जाएगा.

यह कार्यक्रम 12 में राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में –

केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, गुजरात, उड़ीसा, दिल्ली,

लद्दाख, महाराष्ट्र और गोवा पहले से संचालित है.

जबकि इस वर्ष झारखंड, बिहार पंजाब में इसकी शुरुआत की  जा रही है.

विद्याधन टीम को कार्यक्रम से बहुत आशाएं है कि

आने वाले वर्षों में यह कार्यक्रम झारखंड के विद्यार्थियों (Students) की प्रगति का एक विश्वनीय माध्यम बनेगा

और उनके सपनों को नई उड़ान देगा.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा