मुजफ्फरपुर: पंकज उधास का एक गीत आपने जरूर सुना होगा ‘शराब चीज ही ऐसी है न छोड़ी जाए…’। शायद ऐसा ही कुछ साबित होता दिख रहा है बिहार में, जहां एक तरफ राज्य सरकार शराबबंदी पूर्ण रूप से प्रभावी बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं दूसरी तरफ शराब के अवैध कारोबारी और शराबी न तो शराब कारोबार बंद कर रहे हैं और न शराबी जाम छलकाने से बाज आ रहे हैं। इस बीच एक मामला सामने आया है जिसके बाद पुलिस और पुलिसिया व्यवस्था पर ही सवाल उठने लगा है।
बिहार पुलिस के डीजीपी के गृह जिला मुजफ्फरपुर में शराबबंदी के बावजूद खुलेआम शराब का दुकान खुल गया है जहां लोगों को शराब परोसी जाती है। पीने वाले आते हैं और बेख़ौफ़ हो कर शराब पीते हैं और फिर चलते फिरते हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि जब किसी शराबी को कुछ कहा जाता है तो वे मारपीट पर उतारू हो जाते हैं वहीँ स्थानीय पुलिस शिकायत करने के बावजूद अनसुना कर देती है। लोगों ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कार्यरत एक कर्मी भी शराब बेचते हुए पाया गया वहीं जब लोगों ने डायल 112 को कॉल कर मामले की सूचना दी तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
स्थानीय लोगों ने कहा कि कहा जाता है कि बिहार में शराब बंदी है लेकिन ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां शराब नहीं मिलती हो। मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के इंचार्ज ने बताया कि वे जब यहां आए तो रोजाना देखते हैं कि खुलेआम शराब की बिक्री हो रही है। शराब माफिया खुलेआम मजदूरों के बीच शराब का सप्लाई करते हैं पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है। रोकटोक करने पर मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं।
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मुजफ्फरपुर से संतोष कुमार की रिपोर्ट
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