मनीष वर्मा ने फणीश्वरनाथ रेणु के परिजनों से की मुलाकात, उनकी कुटिया में बिताए पल

अररिया : जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा सिमराहा के औराही गांव स्थित आंचलिक साहित्य के सृजनकर्ता फणीश्वरनाथ रेणु के घर गए और उनके परिजनों से मुलाकात की। मनीष वर्मा ने रेणु की उस कुटिया में भी गए, जहां रेणु अपना समय बिताने के साथ साहित्य का सृजन किया करते थे। उन्होंने परिजनों के साथ उस कुटिया में काफी समय बिताया और परिजनों से बातचीत के साथ रेणु से जुड़ी यादों को अपने में समेटा। इससे पहले रेणु के आवास पर पहुंचने पर फणीश्वरनाथ रेणु के ज्येष्ठ पुत्र एवं पूर्व विधायक पदम पराग राय वेणु, अपराजित राय अप्पू एवं दक्षिणेश्वर राय पप्पू समेत घर के सदस्यों ने उनका स्वागत बुके और फूलमालाओं से किया। फणीश्वरनाथ रेणु की कालजयी रचना मैला आंचल के साथ ही रेणुजी के छोटे पुत्र दक्षिणेश्वर राय पप्पू के द्वारा रचित रफ्फू वाली साड़ी पुस्तक जदयू नेता को भेंट की गई।

काफी दिनों से रेणु गांव आने की इच्छा थी – JDU नेता

मौके पर जदयू नेता मनीष वर्मा ने कहा कि उनकी काफी दिनों से रेणु गांव आने की इच्छा थी। स्कूल के दिनों में उनकी रचनाओं को पढ़कर वे काफी प्रभावित थे। रेणु गांव पहुंचकर जो आत्मीयता और आतिथ्य मिला, उसका हमेशा कृतज्ञ रहेंगे। उन्होंने कहा कि फणीश्वर नाथ रेणु न केवल हिन्दी साहित्य के अमर कथाकार थे, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के एक सक्रिय सेनानी भी थे। उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी युवावस्था के दिनों में अपने नैतिक मूल्यों से रेणुजी को प्रभावित किया था। रेणु जी के जीवन और साहित्य का गहरा संबंध ग्रामीण परिवेश के साथ सीमांचल की धरती से रहा है, जिसे उन्होंने अपने लेखन में संपूर्ण जीवंतता के साथ उकेरा। उन्होंने कहा कि रेणुगांव पहुंचकर उन्हें ऐसा अहसास हो रहा है कि वे तीर्थस्थल पर पहुंचे हैं, जहां उन्हें काफी आत्मीय सुकून मिल रहा है।

मनीष वर्मा ने कहा- दालान में बैठकर रेणु ने लोकजीवन की संवेदनाओं को शब्दों में ढाला

उन्होंने कहा कि जिस दालान में बैठकर रेणु ने लोकजीवन की संवेदनाओं को शब्दों में ढाला, वहां बैठते ही एक अद्भुत ऊर्जा और भावनात्मक लहर मन में उमड़ पड़ी। आंगन में फैली उनकी स्मृतियों ने मानो अतीत को जीवंत कर दिया।जैसे वे अभी भी यहीं कहीं आस-पास हैं, गांव के किसी कोने से जीवन की कोई नई कथा लेकर लौट रहे हों। रेणु जी घर के सामने स्थित डाकखाना याद दिलाता है कि उनकी चिट्ठियां, उनके लेख इसी माध्यम से देश-दुनिया के अनेकों हिस्सों में पहुंचते होंगे। शायद उन्होंने जब संवदिया की रचना की होगी तो उनके सृजनशील जेहन में यहीं डाकघर रहा होगा।रेणु जी आज भी सीमांचल की मिट्टी, भाषा और जनचेतना में जीवित हैं। आज उसी घर में बैठा, जहां रेणु जी बैठते थे। उनके कमरे को ज्यों का त्यों उसी स्वरूप में बचा कर रखा गया है। उस दालान में बैठा, जहां रेणु जी बैठ कर ग्राम्य जीवन का साहित्य रचा करते थे। उस आंगन में खड़ा हो कर खुले आसमान को निहारा, जहां रेणु जी की स्मृतियां हैं। रेणु ग्राम में कथाशिल्पी का आंगन, दालान और उनका शयन कक्ष इतिहास को समेटे हुए हमें सीमांचल के लोक जीवन से अवगत कराता है।

यह भी देखें :

‘रेणु जी केवल साहित्यकार नहीं थे, वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी सक्रिय रूप से भागीदारी करने वाले व्यक्ति थे’

जदयू नेता मनीष वर्मा ने कहा कि रेणु जी केवल साहित्यकार नहीं थे, वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी सक्रिय रूप से भागीदारी करने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया और नेपाल के लोकतांत्रिक आंदोलन में भी सहयोग किया। भारत में जब इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल घोषित हुआ तब उन्होंने आपातकाल के विरोध में भी हुए आंदोलन में भाग लिया।

आपातकाल का के दौरान नागरिक स्वतंत्रताओं को खत्म कर दिया गया था – मनीष वर्मा

उन्होंने कहा कि आपातकाल का के दौरान नागरिक स्वतंत्रताओं को खत्म कर दिया गया था। प्रेस पर सेंसरशिप लगाई गई थी और बड़े पैमाने पर राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी हुई। तब रेणु ने न केवल आपातकाल के विरुद्ध खड़े होने का नैतिक साहस दिखाया, बल्कि अपने विरोध को सार्वजनिक भी किया। सबसे उल्लेखनीय यह है कि फणीश्वर नाथ रेणु ने अपने साहित्यिक जीवन का सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री पुरस्कार आपातकाल के विरोध स्वरूप लौटा दिया। उनका यह कदम उस समय के लेखकों और बुद्धिजीवियों के लिए प्रेरणा बना, जब ज्यादातर लोग चुप्पी साधे हुए थे।

यह भी पढ़े : मनीष वर्मा ने कहा- कोई भी अपने दम पर होता है CM

मंटू भगत की रिपोर्ट

📍 लोकेशन और मौसम लोड हो रहा है...

Stay Connected
124,000FansLike
21,400FollowersFollow
497FollowersFollow
529,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest News

Bokaro: काम के दौरान मजदूर की मौत,उचित मुआवजे की मांग को...

Bokaro: बॉलीडीह इंडस्ट्रियल एरिया के शिवम इंडस्ट्रीज में काम करते मजदूर की मौत हो गई। मृतक दिलीप कुमार श्रीवास्तव (उम्र 27 वर्ष) कुर्मीडीह में...

22scope is your trusted destination for the latest news, updates, and in-depth coverage across various topics, including politics, entertainment, sports, technology, and More.