रांची: देश में मौजूदा हालात और गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देशों के मद्देनजर रांची के बालकृष्णा स्कूल में मंगलवार को सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों को आपातकाल की स्थिति में बचाव के गुर सिखाए गए। स्कूल में सायरन बजाकर बच्चों को रियल टाइम में बताया गया कि किस तरह से किसी हमले या आपदा की स्थिति में उन्हें त्वरित और सुरक्षित प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
ड्रिल के दौरान बच्चों ने सीखा कि सायरन बजते ही अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद कर कमरे की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर लेने चाहिए। इसके बाद उन्हें बेंच या टेबल के नीचे सुरक्षित स्थान पर छिपना है और दोनों हाथों से कानों को ढक लेना है ताकि किसी धमाके के कंपन से बचा जा सके। स्कूल प्रशासन ने बताया कि खिड़कियां बंद करने का मकसद बाहर से आने वाले स्प्लिंटर या धुएं को अंदर आने से रोकना है।
बालकृष्णा स्कूल के प्राचार्य और शिक्षकों ने भी बच्चों को जागरूक करते हुए कहा कि मौजूदा वैश्विक हालात में सुरक्षा अब प्रत्येक नागरिक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी बन चुकी है। स्कूल प्रबंधन ने यह भी बताया कि मॉक ड्रिल को अब नियमित रूप से हर सप्ताह कराया जाएगा ताकि बच्चों में आपात स्थिति में प्रतिक्रिया देने की आदत विकसित हो सके।
बच्चों में भी इस पहल को लेकर खासा उत्साह देखा गया। कक्षा की छात्रा काजल कुमारी ने बताया कि उन्हें सिखाया गया कि सायरन बजते ही सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद कर देने हैं और सुरक्षित स्थान पर जाकर छिपना है। बच्चों ने खुशी जाहिर की कि वे अब आत्मरक्षा के इन उपायों को सीखकर न केवल खुद को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी जागरूक कर सकते हैं।
स्कूल परिसर में मॉक ड्रिल के दौरान फर्स्ट एड स्ट्रेचर का भी प्रदर्शन किया गया ताकि जरूरत पड़ने पर घायल को त्वरित प्राथमिक उपचार दिया जा सके। बालकृष्णा स्कूल की यह पहल रांची के अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है।