Sunday, August 10, 2025

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21 हजार से अधिक दिव्यांगजनों को मिला संबल योजना का लाभ, कई को दी गई बैट्री चलित ट्राईसाइकिल

पटना : बिहार सरकार दिव्यांगजनों को हर तरह से सक्षम बनाने के लिए महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री संबल योजना चलाती है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 21 हजार 185 दिव्यांगजनों को बैट्री चलित ट्राईसाइकिल (तीन पहिया) दी गई है। सभी 38 जिलों से 31 हजार 642 आवेदन आए हैं, जिनमें 23 हजार 45 आवेदनों को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इसमें सबसे ज्यादा 2340 आवेदन पटना जिले से आए हैं, जिसमें 1885 आवेदनों को मंजूरी प्रदान की गई है और 1833 आवेदकों को बैट्री चलित तीन पहिया साइकिल प्रदान की गई है। शेष लोगों को ट्राइसाइकिल देने की प्रक्रिया चल रही है।

सर्वाधिक आवेदन प्राप्त हुए और उनके लाभुकों को ट्राइसाइकिल दी गई है

इसी तरह अन्य जिन अन्य जिलों से सर्वाधिक आवेदन प्राप्त हुए और उनके लाभुकों को ट्राइसाइकिल दी गई है। उसमें रोहतास जिले से 1684 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 1248 आवेदनों को मंजूरी मिली और 1207 आवेदकों को इस योजना का लाभ मिला है। औरंगाबाद जिले से 1542 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 1075 आवेदन मंजूर हुए और 944 दिव्यांगजनों को इसका लाभ दिया गया। इसी तरह पूर्वी चंपारण से 1446 आवेदन आए, जिनमें 988 को मंजूरी मिली और 876 लाभुकों को ट्राईसाइकिल मिली। भोजपुर जिले से 1295 आवेदन मिले, जिसमें 1029 आवेदनों को मंजूरी दी गई और 960 आवेदकों को योजना का लाभ दिया गया।

नवादा के जयकिशोर बने सबल

इस योजना के अंतर्गत नवादा जिले के सशक्तिकरण कोषांग से कौआकोल के सरौनी गांव निवासी अर्जुन प्रसाद पासवान के पुत्र जयकिशोर को ट्राईसाइकिल दी गई। तीन दिसंबर 2022 को जयकिशोर को इस सुविधा का लाभ दिया गया। वे बेल्ट्रान की तरफ से नारदीगंज में डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। वे रोजाना अपने घर से प्रखंड कार्यालय आते-जाते हैं। पहले उन्हें रोजाना का यह सफर तय करना किसी मुसीबत से कम नहीं मालूम होता था। परंतु बैट्री चलित ट्राईसाइकिल मिलने से उनके जीवन में खासा उत्साह आया और रोजमर्रा के कार्यकलाप को सुगम बना दिया है। अब वे अपनी ट्राईसाइकिल से रोजाना प्रखंड कार्यालय आते-जाते हैं। सिर्फ जयकिशोर ही नहीं हैं, बल्कि इनके जैसे कई दिव्यांगजन हैं, जिनके जीवन में इस वाहन की मदद से अभूतपूर्व बदलाव आया है।

यहां कर सकते आवेदन

बैट्री चलित ट्राईसाइकिल के लिए कोई भी दिव्यांगजन समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट http://sambalyojana.bihar.gov.in/SWFTC/Default.aspx पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों को अपना मोबाईल नंबर, ई-मेल आईडी एवं आधार नंबर डालकर पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिसके बाद एक यूजर आईडी जारी होगा। इसके बाद संबंधित आवेदक इस यूजर आईडी की मदद से आवेदन कर सकते है।

अबतक 6584 युवाओं को मिला उद्यमी योजना से लाभ

राज्य के उद्योग विभाग की तरफ से संचालित उद्यमी योजना का मकसद प्रदेश में मजबूत उद्यमशीलता की भावना को विकसिक करना है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत पांच लाख 41 हजार 667 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें 9247 आवेदकों का चयन रैंडम तरीके से किया गया है, जिसमें 6584 को वित्तीय सहायता दी गई है। ताकि वे अपना उद्योग स्थापित कर सकें। इसमें सर्वाधिक आवेदन आइसक्रीम उत्पादन, बेकरी, मसाला, नोटबुक तैयार करने, खाद्य तेल, बीज प्रसंस्करण, सैनेटरी नैपकीन, मखाना पैकिंग, बेसन या आटा बनाने से जुड़े लघु या मद्यम उद्योग स्थापित करने को लेकर आए थे।

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101 अनुमंडलों में जल्द शुरू होंगे उद्यमिता विकास केंद्र

योजना के दूसरे चरण में अतिरिक्त 7153 आवेदकों का चयन किया गया है। जबकि 1431 आवेदकों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। इसके अलावा बिहार सरकार राज्य के 101 अनुमंडलों में उद्यमिता विकास केंद्र स्थापित करने की तैयारी है। इसे लेकर विभागीय स्तर पर कसरत तेज कर दी गई है।

कई ने गढ़ी सफलता की बानगी

इस योजना का लाभ लेकर कई उद्यमियों ने सफलता की राह प्रशस्त की है। जमुई जिले के सोनू कुमार ने नोटबुक निर्माण लघु उद्योग स्थापित किया, जिसमें चार अन्य लोगों को रोजगार मिला। वे अपनी नोटबुक्स को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ ही स्थानीय दुकानों में भी बेचते हैं। इससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो जाती है। इसी तरह खुशबू कुमारी, जो दिव्यांग हैं। उन्होंने मसाला उद्योग स्थापित किया और पांच अन्य लोगों को रोजगार दिया। उनका मानना है कि सिर्फ पंख होने से ही कोई उड़ नहीं सकता, इसके लिए साहस और हौसले की जरूरत होती है। मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना से लाभ लेकर उन्होंने यह सफलता हासिल की है।

लघु उद्यमी योजना से 40 हजार से अधिक लाभार्थी को मिली सहायता

दूसरी तरफ, बिहार लघु उद्यमी योजना से 40 हजार 102 लाभार्थियों को सीधे तौर पर वित्तीय सहायता दी गई है। इसके तहत 200 करोड़ रुपए इन लोगों के बीच वितरित किए गए हैं, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को पांच हजार रुपए की पहली किस्त के रूप में दी गई है। 22 जनवरी 2025 तक 8354 लाभार्थियों को दूसरी किस्त के रूप में एक लाख रुपए प्रति व्यक्ति वितरित किए गए हैं, जिसमें राशि 83.54 करोड़ रुपए रही। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम औपचारिकीकरण योजना के तहत 13 हजार 396 उद्यमों को कुल 794 करोड़ 81 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी गई है।

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