चयनित आईडिया को 15 लाख का मिलेगा फंड
रांची : झारखंड गवर्नमेंट टूल रूम का केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ़ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम
एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) के बीच सोमवार को MoU हुआ.
शालिनी महतो एवं साकेत कुमार के आईडिया को झारखंड गवर्नमेंट टूल रूम से चयनित किया है.
जिसके तहत झारखंड गवर्नमेंट टूल रूम रांची एवं दोनों इनक्यूबेटी के बीच
इनक्यूबेशन कंपोनेंट ऑफ एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम के तहत एमओयू हुआ.
इस स्कीम के तहत चयनित आईडिया को 15 लाख या 85 परसेंट ऑफ प्रोजेक्ट कॉस्ट का फंड मिलेगा.
देश में उद्यमिता की संख्या बढ़ाने के लिए एवं इनोवेटिव सोच से समाज की समस्याओं को
दूर करने के लिए केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ़ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) एमओयू हुआ.
डिप्रेशन की पहचान और इलाज में मिलेगी सफलता
आईआईआईटी के प्रोफेसर शालिनी महतो डिप्रेशन से बढ़ती समस्याओं से निजात पाने के लिए ऐसे डिवाइस बना रही है,
जिससे दुनिया में पहली बार डिप्रेशन की पहचान और इलाज में सफलता मिलेगी.
आपने आईडिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह एक वेरावल डिवाइस होगा.
यानी जिसको हम पहन सकते हैं, और जिससे हम डिप्रेशन को नाप सकते हैं.
डिप्रेशन एक साइकेट्रिस्ट डिसऑर्डर (मनोचिकित्सक विकार) है जो हम नॉर्मल टेस्ट से नापा नहीं सकते हैं.
इसको नापने के लिए ब्रेन सिग्नल का इस्तेमाल किया जाएगा.
ऐसे मिलेगी जानकारी
उन्होंने कहा कि इसके तहत हेडबैंड या टोपी आदि जैसे किसी चीज पर डिवाइस लगाई जाएगी.
जिससे दिमाग के सिग्नल को देखा जाएगा. उससे उनके डिप्रेशन होने की जानकारी मिलेगी.
इसीलिए इसको उपयोग करने वाला व्यक्ति अगर डिप्रेशन में होगा तो ब्रेन सिग्नल भेजेगा
और इसकी जानकारी केवल उस इंसान को नहीं बल्कि उसके परिजन या उसके डॉक्टर को भी मिल जाएगी.
उन्होंने कहा कि अगर उस व्यक्ति में आत्महत्या जैसे विचार आ रहे हैं, तो उसे इस डिवाइस को पहन रोका जा सकता है.
साहेबगंज में किया ट्रायल
साकेत कुमार ने बताया कि ऐसे फिल्टर का निर्माण किया है, जिसमें पानी से असैनिक को हटाया जा सकता है. इस फिल्टर को झारखंड सरकार के साथ मिलकर सफलतापूर्वक ट्रायल साहेबगंज में किया जा चुका हैं. समझौता साइन करते वक्त टूल रूम के प्राचार्य महेश कुमार गुप्ता, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आशुतोष मिश्रा, आईआईआईटी रांची के प्रोफेसर शालिनी महतो एवं टूल रूम के फैकेल्टी आशीष कृष्णन मौजूद थे.