बोचहा विधान सभा सीट के लिए वीआईपी का दावा स्वाभाविक- पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी

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Patna—पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बोचहा विधान सभा सीट के लिए वीआईपी पार्टी के दावे को सही बताया है.

जीतन राम मांझी ने कहा है कि पहले भी इस सीट से वीआईपी के उम्मीदवार की जीत हुई थी,

लेकिन उनेक निधन के बाद उप चुनाव की स्थिति बनी है.

इस प्रकार उनका दावा तो मजबूत है.

वहीं वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के अन्य राजनीतिक बयानों से अपने आप को अलग करते हुए उन्होने कहा कि उनकी राजनीति से हमें कोई मतलब नहीं है.

हम पूरे दम खम के साथ एनडीए के साथ ही खड़े हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार ठीक-ठाक चल रहा है.

विधान परिषद में राबड़ी देवी और अशोक चौधरी में हुए विवाद पर जीतन राम मांझी ने कहा कि

सदन में किसी को भी आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए चाहे वह महिला सदस्य हो या पुरुष.

बता दें कि बोचहा विधान सभा सीट को लेकर एनडीए के अन्दर विवाद की स्थिति बनती जा रही है,

भाजपा इस सीट पर अपना प्रत्याशी  उतारने का मन बना रही है,

जबकि इस सीट पर वीआईपी अपना दावा पीछे लेने को तैयार नहीं है.

इसके साथ ही मुकेश सहनी का एनडीए के साथ भी रिश्ता ठीक-ठाक नहीं चल रहा.

मुकेश सहनी ने यूपी चुनाव में  एनडीए के खिलाफ अपने उम्मीदार उतारे थें.

हत्या के बाद मृतक के परिजनों से मिले जीतन राम मांझी, दिया आश्वासन

हरमू में जमीन विवाद को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने दिया ये निर्देश

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हरमू में जमीन विवाद को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने दिया ये निर्देश

रांची : हरमू में जमीन विवाद को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने दिया ये निर्देश- हरमू में

जमीन विवाद को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई.

सुनवाई के बाद अदालत ने हरमू हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी और

जिला भूअर्जन पदाधिकारी को अधिग्रहित जमीन को चिह्नित करने को कहा है.

अदालत ने इसकी रिपोर्ट 22 मार्च तक कोर्ट में जमा करने को कहा है.

इस संबंध में गणेश राम ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता पांडेय नीरज राय ने अदालत को बताया कि हरमू में प्रार्थी के पिता ने प्लाट नंबर 481-482 की जमीन 46 डिसमिल 1970 में खरीदा था. कुल प्लॉट 56 डिसमिल का था. वर्ष 1966 उक्त प्लाट से दस डिसमिल जमीन का सरकार ने अधिग्रहित किया था. इसके बाद वर्ष 2007-08 में हरमू हाउसिंग बोर्ड ने पूरी जमीन पर दावा करने लगा. इसके बाद वादी ने वर्ष 2009 में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की.

विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश

इस मामले में अदालत ने कई बार जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, लेकिन कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया. इस पर अदालत ने मुख्य सचिव को उन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो मामले में समय से जवाब दाखिल नहीं करने के लिए जिम्मेदार थे. इस पर मुख्य सचिव ने अपना जवाब दाखिल कर कहा कि याचिका के लंबित रहने के दौरान उन सभी अधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है. जिनकी वजह से जवाब दाखिल करने में देरी हुई है. अदालत ने इस मामले में भू-अर्जन पदाधिकारी और हरमू हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को जमीन के उस हिस्से को चिह्नित करने का निर्देश दिया है. जिसका अधिग्रहण किया गया है.

रिपोर्ट: प्रोजेश दास

नालंदा : नीतीश कुमार ने जदयू कार्यकर्ताओं से की मुलाकात, लोगों की भी सुनी शिकायतें

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नालंदा : नीतीश कुमार ने जदयू कार्यकर्ताओं से की मुलाकात, लोगों की भी सुनी शिकायतें

नालंदा : नीतीश कुमार ने जदयू कार्यकर्ताओं से की मुलाकात, लोगों की भी सुनी शिकायतें- मुख्यमंत्री

नीतीश कुमार गुरुवार को दूसरे दिन भी जदयू कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.

उन्होंने रहुई और हरनौत प्रखंड में जदयू कार्यकर्ताओं से मिलकर हाल चाल जाना.

इस दौरान रहुई के इतासँग गांव के पास भाजपा नेता अविनाश मुखिया भी

अपने कार्यकर्ताओं के साथ सीएम नीतीश कुमार का भव्य स्वागत किया.

वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर

पुराने जदयू कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की तथा उनका हाल-चाल पूछा. कार्यक्रम के दौरान कई लोगों ने अपनी शिकायतें भी मुख्यमंत्री के पास पहुंचाई. जहां सभी को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया.

बता दें कि एक तरफ बिहार के विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने की मांग को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहे थे. वहीं दूसरी तरफ सदन के विवाद को छोड़ नीतीश कुमार अपने गृह जिला नालंदा पहुंचे. सीएम नीतीश बुधवार को ही नालंदा के नौसा पहुंचे. जहां वे जदयू के सभी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मिलकर उनका हाल जाना और लोगों की समस्याओं को भी सुना.

कार्यकर्ताओं से मिल सुन रहे हैं समस्या

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों लगातार नालंदा के विभिन्न ब्लाकों का दौरा कर रहे हैं. इस कड़ी में वह बुधवार को नगरनौसा पहुंचे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि कोरोना से पहले कार्यकर्ता हमसे मिलकर अपनी समस्या सुनाते थे. पिछले 2 साल से कोरोना के कारण इस तरह का आयोजन पर पाबंदी लगा दिया गया था, इस कारण हमने सोचा कि क्यों नहीं हम ही जाकर कार्यकर्ताओं का हाल-चाल जानें. इस दौरान नगरनौसा, चंडी और थरथरी प्रखण्ड के कार्यकर्ताओं से मिले. उन्होंने अश्वासन दिया कि उनकी जो भी समस्या या शिकायत है उसका निदान किया जाएगा.

रिपोर्ट: रजनीश

यह रही बिहार की चप्पलमार होली, आईये आप भी लीजिए इसका आंनद

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होली हो तो पटना की चप्पलमार होली 

Patna– आपने होली तो बहुत खेली होगी, बृज की लठमार होली,

मथुरा की फूलों की होली और भी न जाने कितने रंगों-बेरंगों की होली.

लेकिन एक होली और भी है, जिसकी चर्चा अब तक कम ही होती रही है.

शायद इसका कारण हम बिहारियों का वह शर्मिला स्वभाव है,

जो किसी भी सार्वजनिक स्थल पर अपने गुणों के बखान से हमें रोकता है,

यही कारण है कि हम अपनी मेरिट की चर्चा भी जरा दबे जुबान से ही करते हैं.

लेकिन जब मौका मिल जाय तब बिहारी कहां रुकता है.

अपनी इसी खासियत से बिहारी किसी को भी किसी भी मौके पर पसीना छुड़ा देता है.

भले ही वह मौका होली के हुड़दंग का ही क्यों नहीं हो.

चप्पलों के भी छुटे पसीने, धरती के चप्पल का आसमान की सैर

लेकिन यहां जो पसीना छुट् रहा है वह किसी और का नहीं बल्कि उस चप्पल का है,

जिसे पहना तो आम रुप से पैर में जाता है, लेकिन वक्त की जरुरतों के हिसाब से इसके और भी कई उपयोग-सदुपयोग हम बिहारी करते आ रहे हैं.

दरअसल यह पूरा मामला है राजधानी पटना के सम्पतचक के वाटर पार्क में होली के हुड़दंग का,

जहां पैर चप्पल में नहीं या यों कहें कि चप्पल पैर में नहीं वह तो हवा में उड़ रहा है, वह चप्पल हवा में उड़़ रहा है,

जिसकी हिफाजत के लिए हम बिहारी अपनी जान लड़ा देते हैं.

पानी से भरे इस वाटर पार्क मे जब चप्पलें चलने लगी तो आयोजकों को रोकने के लिए एयर गन से हवाई फायरिंग करनी पड़ी,  तब जाकर मामला शांत हुआ .

सम्पतचक के वाटर पार्क में  होली को लेकर कई दिनों से स्पेशल प्रोग्राम चल रहा था.

पूरे वाटर पार्क को होली थीम से सजाया गया था.   पार्क रंग भरे पानी से लबा-लब था.

दोस्तों ने की चप्पल फेंकने की शुरुआत 

इस बीच कुछ दोस्तों ने वहां मौजूद अपने दोस्तों पर चप्पल फेंकने की शुरुआत की,

लेकिन उसके बाद देखते देखते चप्पलों की बारिश होने लगी, दाएं चप्पल बांए चप्पल, जिधर देखों उधर चप्पल. कोई भी अपना चप्पल पहनने को तैयार नहीं था.

माहौल को शांत करने के लिए आयोजकों ने हवाई फायरिंग करनी शुरु कर दी.

बताया जा रहा है कि पार्क में करीबन 1500 लड़कों की हुड़दंगी टोली थी. जिनके हुंड़दंग के आगे सिस्टम भी लाचार नजर आ रहा था.

रिपोर्ट- शक्ति 

बिहार विधानसभा में विधायकों ने खेली जमकर होली

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बिहार विधानसभा में विधायकों ने खेली जमकर होली

पटना : बिहार विधानसभा में विधायकों ने खेली जमकर होली- बिहार विधानसभा

बजट सत्र में होली से पहले मंत्री और विधायकों ने जमकर होली खेली.

इस मौके पर विधायकों ने एक-दूसरे को रंग लगा कर और मिठाई खिलाकर होली की शुभकामनाएं दी.

बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने राज्य की जनता को होली की बधाई दी

और कहा कि सभी लोग होली में शांति और सौहार्द्र बनाए रखें.

इस मौके पर विधायकों ने होली खेले रघुवीरा अवध में गाना भी गया.

बता दें कि 19 मार्च को होली का त्योहार बिहार में मनाया जायेगा, जिसके लिए आज विधानसभा को 21 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. गौरतलब है कि अभी बिहार विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है, जो 31 मार्च तक चलेगा. इस बार बजट सत्र 25 फरवरी से शुरू हुआ है. इस बार सत्र की अवधि 22 दिनों की है.

आपस में भीड़ गई अशोक चौधरी और राबड़ी देवी

गुरुवार को भी बिहार विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई. इस दौरान विधानसभा परिषद में मंत्री अशोक चौधरी और राबड़ी देवी आपस में भीड़ गई. गुस्साईं राबड़ी देवी सीधे वेल में बैठने पहुंच गयी. इसके बाद विधान परिषद अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह ने सदन की कार्यवाही 2ः30 बजे तक स्थगित कर दिया.

महिलाओं के अधिकारों का हो रहा हनन

सदन से बाहर निकलने के बाद बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मीडिया से कहा कि सदन में मुझे अपमानित किया गया. यह सिर्फ मेरा नहीं बल्कि बिहार की सभी महिलाओं का अपमान है. सदन में महिलाओं को बोलने नहीं दिया जा रहा है. महिलाओं को अनपढ़ कह गया है जो ठीक नहीं है. सदन में हम सभी अपनी बातों को रखते हैं, लेकिन इस सरकार में महिला अब सुरक्षित नहीं है. महिलाओं के अधिकार का हनन हो रहा है.

रिपोर्ट: शक्ति

जेल में मनेगी लालू प्रसाद यादव की होली, जानिए हाईकोर्ट ने क्या कहा

सड़क से सदन तक लड़ी जायेगी 1932 के खतियान की लड़ाई- वादे से पीछे हट रही है हेमंत सरकार- आजसू

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हेमंत सरकार को आजसू की चेतावनी 

Gumla– सड़क से सदन तक  – हेमंत सरकार जल, जंगल और जमीन को छीनने का काम कर रही है.

जो सरकार 1932 का खतियान की बात कर सत्ता में आयी थी आज उससे पीछे हटने की कोशिश कर रही है.

हमारी मांग किसी भी कीमत पर 1932 का खतियान लागू करवाने की है.

उक्त बातें आजसू के जिला सम्मेलन में वक्ताओं की ओर से कही गयी है.

वक्ताओं ने सरकार पर निशान साधते हुए कहा कि यह सरकार अपने हर वादे से पीछे हट रही है,

लेकिन 1932 का खतियान को आधार बना कर स्थानीय नीति और नियोजन नीति बनाने की मांग पर आजसू अड़ा है

और पूरी शिद्दत के साथ इसकी लड़ाई लड़ रही है.

इस मौके पर मुख्य अतिथि और आजसू के केन्द्रीय प्रवक्ता डॉक्टर देवशरण भगत ने कहा कि खेत  हमारा, खलियान हमारा और उसका उपज भी हमारा होगा.

देवशरण भगत  ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हेमंत सरकार को किसी भी कीमत पर स्थानीय और नियोजन नीति लागू करनी पड़ेगी.

इस अवसर पर आजसू के केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता,

रांची जिला कार्यकारी अध्यक्ष भरत काशी, छात्र संघ के प्रभारी ज्योत्स्ना केरकेट्टा, लोहरदगा जिला अध्यक्ष ओम भारती भी उपस्थित रहें.

रिपोर्ट- रणधीर निधी 

हेमंत सरकार ने हासिल किया विश्वास मत, पक्ष में पड़े 48 वोट

बिहार विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हुई बहस, वेल में पहुंची राबड़ी देवी

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बिहार विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हुई बहस, वेल में पहुंची राबड़ी देवी

पटना : बिहार विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हुई बहस- इन दिनों

बिहार विधानसभा के बजट सत्र में हंगामा मचा हुआ है.

गुरुवार को भी बिहार विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई.

इस दौरान विधानसभा परिषद में मंत्री अशोक चौधरी और राबड़ी देवी आपस में भीड़ गई.

गुस्साईं राबड़ी देवी सीधे वेल में बैठने पहुंच गयी.

इसके बाद विधान परिषद अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह ने सदन की कार्यवाही 2ः30 बजे तक स्थगित कर दिया.

महिलाओं के अधिकारों का हो रहा हनन

सदन से बाहर निकलने के बाद बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मीडिया से कहा कि सदन में मुझे अपमानित किया गया. यह सिर्फ मेरा नहीं बल्कि बिहार की सभी महिलाओं का अपमान है. सदन में महिलाओं को बोलने नहीं दिया जा रहा है. महिलाओं को अनपढ़ कह गया है जो ठीक नहीं है. सदन में हम सभी अपनी बातों को रखते हैं, लेकिन इस सरकार में महिला अब सुरक्षित नहीं है. महिलाओं के अधिकार का हनन हो रहा है.

अशोक चौधरी पर साधा निशाना

बिहार के मंत्री अशोक चौधरी पर निशाना साधते हुए राबड़ी देवी ने कहा कि उन्हें कानून का ज्यादा ज्ञान नहीं है. उन्होंने हमें अनपढ़ कहा, हमें कोई ज्ञान नहीं है.

द कश्मीर फाइल्स पर बोलीं राबड़ी- गोधरा कांड पर बने फिल्म

द कश्मीर फाइल्स फिल्म को बिहार में टैक्स फ्री के मामले पर राबड़ी देवी ने कहा कि इससे आम जनता को कोई फायदा नहीं है. लोग फिल्म नहीं देखेंगे. फिल्म अगर बननी है तो गुजरात मामले पर बने. गोधरा कांड पर फिल्म बने.

चारा घोटाला पर बने फिल्म- दानिश रिजवान

वहीं राबड़ी देवी के द कश्मीर फाइल्स पर दिए बयान पर हम प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने पलटवार करते हुए कहा कि देश में चारा घोटाला और कम समय में संपत्ति अर्जित करने पर भी फिल्म बननी चाहिए. जिससे देश को पता लगेगा कि कैसे स्कूटर पर गाय और भैंस ढोए गए. कैसे 12 साल की उम्र में तेजीस्वी यादव ने अरबों की संपत्ति बनाई.

रिपोर्ट: प्रणव राज

14 न्यायिक अधिकारियों को दिया गया जबरन रिटायरमेंट

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पटना उच्च न्यायलय की अनुशंसा दिया गया रिटायरमेंट

Patna– पटना उच्च न्यायालय की अनुशंसा के आलोक में 14 न्यायिक पदाधिकारियों को जबरन सेवानिवृत करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है.

कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लग गयी है.

इसमें जिला जज और समकक्ष पदों पर कार्यरत जज शामिल है.

इन जजों के खिलाफ पिछले कई माह पहले से कार्रवाई चल रही थी और हाईकोर्ट ने इन्हें पदमुक्त करने की अनुशंसा की थी.

उक्त अनुशंसा के आलोक में अब राज्य सरकार ने इन जजों को जबरन रिटायर करने का निर्णय लिया है.

सेवानिवृत करवाये गए अधिकारियों की सूची 

जबरन सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों में  जितेंद्र कुमार दुबे- जिला एवं सत्र न्यायाधीश ,शेखपुरा, कमरुल होदा- विशेष कार्य पदाधिकारी, पटना उच्च न्यायालय.

इशारातुल्ला- अवर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मधुबनी,मनोज कुमार-III,अवर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुजफ्फरपुर.

विपुल सिन्हा-सचिव, डी एल एस ए कटिहार, प्रीति वर्मा -अवर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, भागलपुर,

चंद्र मोहन झा -अवर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बांका, शत्रुघन सिंहा-अवर जिला एवं सत्र न्यायाधीश , बाढ़.

परिमल कुमार मोहित -अवर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रोहतास,प्रभुनाथ प्रसाद-पीठासीन पदाधिकारी, श्रम न्यायालय, भागलपुर.

सुधीर कुमार सिन्हा- सब जज,मोतिहारी, सतीश चंद्र, सब जज, मुजफ्फरपुर.

संजीव कुमार चन्द्रीयावी – सब जज , पटना सिटी , हरे राम-एस डी जे एम , मसौढ़ी का नाम शामिल है.

 

 

Big Breaking-भीतहा प्रखंड में खाना बनाने के दौरान आग लगने से आधा दर्जन घर जल कर राख

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Bagaha-भीतहा प्रखंड के बलुहि में खाना बनाने के दौरान आग लगने से आधा दर्जन जल कर राख होने की खबर है. अभी तक आग पर काबू नहीं पाया गया है, आग की लपटे अभी बढ़ती ही जा रही है. स्थानीय लोग और पुलिस आग पर काबू पाने कोशिश में जुटी हुई है.

रिपोर्ट- अनिल

आदिवासी होस्टल में तोड़फोड़ के बाद कटघरे में रांची की कानून व्यवस्था, गठबंधन में भी आक्रोश   

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Ranchi– आदिवासी होस्टल में तोड़फोड़ – राजधानी रांची में हरमू स्थित आदिवासी छात्रावास

में उपद्रवी तत्वों के द्वारा तोड़फोड़ का मामला गरमाता जा रहा है.

सत्ताधारी दल कांग्रेस के विधायक राजेश कच्छप ने भी इस मामले को लेकर राज्य की कानून

व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.

राजेश कच्छप ने कहा है कि राजधानी रांची में विधि व्यवस्था की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है.

हालत यह हो गयी है कि उपद्रवी तत्वों के द्वारा दिन दहाड़े आदिवासी छात्रावास में तोड़फोड़ की जाती है.

लेकिन सुखदेव नगर थाने की पुलिस मामले की सुध भी नहीं लेती.

राजेश कच्छप ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि

यदि इस मामले में दोषियों को चिह्नित कर कार्रवाई नहीं की जाती है तो वे विधान सभा के अन्दर धरना पर बैठेंगे.

इस बीच सिसई झामुमो विधायक जीगा मुंडा ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते हुए सड़क पर उतरने की धमकी दी है.

जीगा मुंडा ने कहा है कि इस मामले में स्पष्ट रुप से पुलिस की ओर से लापरवाही की गयी है,

अब तक दोषियों को न तो चिह्नित किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गयी.

अब छात्रों के  सामने एक ही रास्ता बचता है कि वह सड़क पर उतर इस मामले का विरोध करेंगे.

कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने इस मामले में राज्य सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है.

थाना प्रभारी ममता कुमारी को सार्वजनिक रुप से डांट भी लगायी गई है.

उनकी बर्खास्त की भी मांग की जा रही है.