Ranchi : नवजात शिशुओं की हत्या और लावारिस अवस्था में छोड़े जाने जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर पालोना अभियान (आश्रयणी फाउंडेशन) और सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची के बीच एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी का उद्देश्य शोध, जागरूकता, नीति-निर्माण, और विद्यार्थियों की भागीदारी के ज़रिए समाज में नवजात संरक्षण को मज़बूती देना है।
यह झारखंड में और संभवतः पूरे भारत में पहली बार है, जब किसी कॉलेज ने नवजात शिशु संरक्षण जैसे संवेदनशील विषय पर इस तरह की अकादमिक और सामाजिक पहल की है। यह एक प्रेरणादायक और ऐतिहासिक कदम है।
यह MoU आश्रयणी फाउंडेशन की संस्थापक ट्रस्टी और सीईओ मोनिका गुंजन आर्य तथा कॉलेज के प्राचार्य फादर डॉ. रॉबर्ट प्रदीप कुजूर एसजे द्वारा हस्ताक्षरित किया गया।
छात्रों को इंटर्नशिप, संयुक्त शोध, और जागरूकता अभियानों में भाग लेने का अवसर मिलेगा
समारोह में दोनों संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे। पा-लो-ना की ओर से उपस्थित थीं: संगीता कुजारा टाक, अधिवक्ता आरती वर्मा, श्वेता अग्रवाल, और संगीता सिन्हा। वहीं कॉलेज की ओर से उपस्थित रहे: उप प्राचार्य फादर डॉ. अजय मिन्ज, डॉ. वेंकट अप्पा राव, और डॉ. कैप्टन प्रिया श्रीवास्तव।
इस सहयोग के अंतर्गत छात्रों को इंटर्नशिप, संयुक्त शोध, और जागरूकता अभियानों में भाग लेने का अवसर मिलेगा। नवजातों के अधिकार, मातृत्व से जुड़ी मानसिक सेहत, और यदि कोई माता-पिता बच्चे की देखभाल नहीं कर सकते तो उसे सुरक्षित रूप से सरकारी संरक्षण में सौंपने जैसे विषय अब शिक्षण और शोध से जुड़ेंगे।
यह MoU पा-लो-ना के समावेशी नारे “हर शिशु है महत्वपूर्ण” की पुष्टि करता है, साथ ही “बेटी बचाओ” जैसे प्रयासों को भी महत्व और समर्थन देता है। यह सहयोग विशेष रूप से पत्रकारिता, जनसंचार, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, विधि और मानव अध्ययन जैसे विभागों के विद्यार्थियों को सामाजिक बदलाव की दिशा में काम करने का अवसर देगा।