झारखंड कृषि विभाग में जून में 12 अधिकारियों की नियुक्ति के बाद भी चार महीने बीत गए, लेकिन अब तक पदस्थापन नहीं हुआ। चयन प्रक्रिया पर उठे सवाल।
रांची: झारखंड कृषि विभाग में जून माह में एक दर्जन अधिकारियों की Appointment Letter मिलने के बावजूद अब तक उनका पदस्थापन नहीं हो सका है। ये सभी अधिकारी जिला स्तर पर उप परियोजना निदेशक (Sub Project Director) पद के लिए चयनित किए गए थे।
14 जून को रांची में आयोजित एक समारोह में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सभी चयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे थे। लेकिन, चार महीने बीत जाने के बाद भी इन अधिकारियों को कार्यस्थल आवंटित नहीं किया गया है, जिससे उनमें निराशा है।
Key Highlights:
जून में कृषि विभाग ने 12 अधिकारियों की की थी नियुक्ति
14 जून को कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सौंपे थे नियुक्ति पत्र
चार महीने बाद भी पदस्थापन आदेश जारी नहीं
चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठे सवाल, जांच की गई
कृषि निदेशक ने पूरी चयन प्रक्रिया की कराई पुनः जांच
चयनित अधिकारी विभाग से कर रहे हैं बार-बार संपर्क
15 साल बाद हुई बहाली, फिर भी अधर में फंसा मामला
इस पद पर लगभग 15 साल बाद बहाली की गई थी। 2010 से यह पद रिक्त था। चयन प्रक्रिया में तत्कालीन कृषि निदेशक डॉ. ताराचंद सहित विभाग से बाहर के विशेषज्ञ भी शामिल थे।
कंप्यूटर आधारित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी। सभी अभ्यर्थियों ने 20 जून को समेति कार्यालय में योगदान भी दे दिया था।
लेकिन योगदान देने के बाद कुछ उम्मीदवारों ने चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की। लिखित शिकायत कृषि निदेशक कार्यालय में दी गई थी।
कृषि निदेशक ने कराई जांच, लेकिन निर्णय अटका
शिकायतों के बाद कृषि निदेशक भोर सिंह यादव ने पूरी चयन प्रक्रिया की दोबारा जांच कराई।
जांच टीम ने सभी आवेदकों की शिकायतों और अंकों की समीक्षा की और रिपोर्ट कृषि विभाग को सौंप दी। लेकिन, विभाग ने अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है।
सूत्रों के अनुसार, विभाग पिछले एक महीने से इस पर मंथन कर रहा है और स्क्रूटनी कमेटी द्वारा दिए गए अंकों की पुनः समीक्षा करने का प्रस्ताव दिया गया है।
क्या हैं शिकायतें?
चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का आरोप कई आवेदकों — मनोज यादव, संतोष कुमार यादव, अनिल यादव और इला चंदन — ने लगाया है।
इनका कहना है कि चयन प्रक्रिया में अंक गलत तरीके से दिए गए, जिससे योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हुआ।
विभाग की चुप्पी से नाराज चयनित उम्मीदवार
चयनित अधिकारियों ने कई बार विभाग से संपर्क कर पदस्थापन आदेश जारी करने की मांग की है, लेकिन उन्हें केवल “प्रक्रिया जारी है” का जवाब मिला है।
अब मामला कृषि विभाग के उच्च स्तर पर विचाराधीन है, और उम्मीद की जा रही है कि आगामी दिनों में कोई निर्णय लिया जा सकता है।
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