पटना: Reservation के मुद्दे पर विपक्ष केंद्र की भाजपा सरकार पर लगातार हमलावर बना हुआ है। एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि संविधान में संशोधन की बात करने वाली भाजपा पिछले दरवाजे से उस तरह का रास्ता निकाल रही है जिससे वे अपने उद्योगपति मित्र अडानी और अंबानी को फायदा भी हो और आरक्षण व्यवस्था को पिछले दरवाजे से समाप्त करने की सोच को आगे बढ़ा सकें।
भारत के संविधान में ही व्यवस्था है कि अगर किसी को संविदा पर भी कार्यों में रख रहे हैं तो उसे आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत रखना होगा लेकिन भाजपा मनमोहन सिंह का उदहारण बना कर आरएसएस के विचारों पर चलने वालों को संयुक्त सचिव बना रही है और बिना आरक्षण व्यवस्था के सैकड़ों लोगों के नियुक्त किया जा रहा है।
जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार से पूछा कि वे बताएं कि वे ऐसे पापों के भागीदार क्यों बने हुए हैं जो संविधान में कहीं से भी उचित नहीं हैं। वहीं प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस मामले को हमेशा उठाते रहे हैं और उसी दबाव का नतीजा है कि आज सरकार ने लैटरल एंट्री के माध्यम से नियुक्ति को रोकने की बात कही है।
पहले से ही केंद्र सरकार आरक्षण पर डाका डालने की सोच रही है और उसी के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। नीतीश जी सत्ता के लिए आरक्षणभक्षी के तौर पर लोगों में जाने जाते हैं। आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा है। संयुक्त सचिव के तौर पर आरएसएस के विचारधारा को हर विभाग में पहुंचाने की केंद्र सरकार की मंशा रही है और उसी के अनुरूप काम किया जा रहा है।
राष्ट्रीय जनता दल संघ संघ लोक सेवा आयोग के उस विज्ञापन का विरोध करती है जिसमें आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। मामले में नीतीश के साथ चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, चंद्रबाबू नायडू, उपेंद्र कुशवाहा के अलावा एनडीए के अन्य घटक दल के नेता भी उतने ही दोषी हैं जितने भाजपा।
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पटना से विवेक रंजन की रिपोर्ट
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