पटना: केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में लैटरल एंट्री के विज्ञापन आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर जम कर निशाना साधा। इसके बाद केंद्र सरकार ने यू टर्न लेते हुए यूपीएससी को पत्र लिख भर्ती रद्द करने के लिए कहा है। इस पर राजद ने फिर से बयान दिया है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि भारत के संविधान में स्पष्ट है कि 45 दिनों से अधिक के लिए अगर कोई नियुक्ति की जाती है तो उसमें आरक्षण व्यवस्था का अनुपालन किया जाएगा।
लेकिन जिस तरह से लैटरल एंट्री के माध्यम से संयुक्त सचिव बनाया जा रहा था वह भी बिना यूपीएससी परीक्षा के यह स्पष्ट करता है कि कहीं न कहीं अंबानी और अडानी को राजनीति प्रदान करने वाले लोग थे। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव शुरुआती दिनों से कह रहे थे कि यह संविधान और आरक्षण के खिलाफ है। देश में आरक्षण व्यवस्था का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।
इसके साथ ही एजाज अहमद ने कहा कि यूपीएससी ने नियमों से परे जा कर काम रहा था। केंद्र सरकार पर जब इंडिया गठबंधन का दबाव बढ़ा तो फिर उन्हें इस आदेश को वापस लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में लैटरल एंट्री में संवैधानिक व्यवस्था को नजरअंदाज किया जाएगा तो हम फिर से आवाज बुलंद करेंगे
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पटना से अविनाश सिंह की रिपोर्ट
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