लोगों के आकर्षण का केंद्र बना पंडाल, रघुवर भी देखने पहुंचे
जमशेदपुर : कोरोना का समाप्त होने के बाद यह पहला नवरात्रि है.
Highlights
जहां पूजा पंडाल में आम लोग धूम-धाम से पूजा कर रहे हैं.
पूरे भारत में दुर्गा पूजा हर्षोउल्लास के साथ मनाई जा रही है.
वहीं झारखंड के जमशेदपुर में बहुत ही खूबसूरत कलाकृतियों के साथ पंडाल और प्रतिमाओं का निर्माण किया गया है.
इस बार आदित्यपुर के एक पूजा पंडाल में श्रद्धालुओं की भीड़ काफी ज्यादा देखी जा रही है.
इसका कारण यह है कि पंडाल को एक अलग तरीके से बनाया गया है जो अपने आप में आकर्षण का केंद्र है.

रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए बनाई गई झांकी
वहीं इस पंडाल के बाहर दिवार पर रूस-यूक्रेन युद्ध की पेंटिंग भी बनाई गई है.
जो पंडाल और मूर्ति के दर्शन करने के बाद परिसर में बने रूस और यूक्रेन के युद्ध की
झांकी की चर्चा लोगों के जुबान पर है. बीते 7 महीने से रूस और यूक्रेन के बीच
युद्ध जारी है जिसे लेकर आदित्यपुर के पूजा पंडाल में इस अंतर्राष्ट्रीय युद्ध को
रोकने के लिए एक कलाकृति का निर्माण किया गया है.

पूजा पंडाल: रघुवर दास ने भी देखी झांकी
आकर्षक रूप से बनाए गए रूस-यूक्रेन युद्ध की झांकी का दीदार करने से
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी अपने आप को नहीं रोक पाए.
आम लोगों की तरह उन्होंने भी दीवाल में रंगों से सजाए युद्ध और उसके परिणाम को बहुत ही गंभीरता से देखा. भावुक मन से उन्होंने कहा कि यह युद्ध जरूर रुकना चाहिए. भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भारतीय जनता पार्टी का ‘वसुधैव कुटुंबकम’ नारा रहा है. हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर विश्व विख्यात स्वामी विवेकानंद ने पूरे संसार को शांति का संदेश पहुंचाया. जिसके लिए भारत की प्रसिद्ध ही सबसे ज्यादा है. इस अंतहीन युद्ध के कारण पूरे विश्व में कई आपातकालीन स्थितियां पैदा हो रही है. वही भारत चाहता है कि विश्व में शांति हो जिसे लेकर उन्होंने भी अपील की है.
पूजा पंडाल: जानिये श्रद्धालुओं ने क्या कहा
वही मेला घूमने आए लोगों ने कैमरे के माध्यम से संदेश दिया है इस सभ्य समाज की एक तस्वीर मानवता के नाम पर कलंक होती जा रही है. लोगों ने कहा है कि हर एक देश के अंदर अपनी चेतना होनी चाहिए. जहां अमेरिका ने यूक्रेन का प्रयोग कर रूस के साथ युद्ध के लिए यूक्रेन को ललकारा है. अगर यूक्रेन में अपनी चेतना होती तो इस राजनीति से परे हटकर आपसी शांति और सद्भाव से सुव्यवस्थित तरीके से देश चला सकता था.
रिपोर्ट: लाला जब़ी