रांची: झारखंड विधानसभा में बालू नीति को लेकर मंगलवार को तीखी बहस देखने को मिली। भाजपा विधायक नवीन जायसवाल और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने बालू की उपलब्धता, दर और वितरण को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इस दौरान मंत्री योगेंद्र प्रसाद के जवाबों से असंतुष्ट विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह स्पष्ट उत्तर नहीं दे रही है।
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बालू की दर और उपलब्धता पर उठा सवाल
विधानसभा में चर्चा के दौरान विधायक नवीन जायसवाल ने मंत्री योगेंद्र प्रसाद से सवाल किया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना और अबुआ आवास योजना के लाभुकों को बालू मुफ्त में देने का दावा कर रही है, तो कितने लाभुकों को अब तक यह सुविधा दी गई है? उन्होंने यह भी पूछा कि आम जनता को बालू प्रति हाईवा कितने रुपये में उपलब्ध हो रहा है।
इस पर मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने जवाब दिया कि बालू की दर दूरी के आधार पर तय होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी लाभुक को बालू की समस्या हो रही है तो सरकार उसे समाधान उपलब्ध कराएगी। हालांकि, इस उत्तर से संतुष्ट न होते हुए जायसवाल और सीपी सिंह ने सरकार से स्पष्ट डेटा देने की मांग की।
चोरी और महंगे बालू का मुद्दा गरमाया
पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने बालू की अवैध तस्करी और बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध रूप से बालू की बिक्री हो रही है और 44,000 रुपये प्रति हाईवा की दर से बालू बेचा जा रहा है। उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि क्या वह बालू चोरी को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठा रही है?
इसके जवाब में मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि झारखंड स्टेट माइनिंग डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (JSMDC) के माध्यम से 21 लाख CFT बालू उपलब्ध कराया गया है और लाभुकों को ऑनलाइन आवेदन करने पर बालू उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। इस पर विपक्ष ने आरोप लगाया कि ऑनलाइन सिस्टम व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि लाभुकों को ट्रक की व्यवस्था खुद करनी पड़ती है, जो अत्यधिक महंगा पड़ता है।
बिहार से हो रही बालू आपूर्ति पर सवाल
चर्चा के दौरान यह भी सामने आया कि रांची समेत कई इलाकों में बिहार से बालू मंगवाया जा रहा है, क्योंकि झारखंड में बालू की उपलब्धता कम है। भाजपा विधायकों ने इसे राज्य सरकार की नाकामी करार दिया और कहा कि बालू नीति में खामियों के कारण आम जनता को अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।
सरकार ने दी सफाई, 573 लाभुकों को मिला मुफ्त बालू
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने अंत में सफाई देते हुए कहा कि अबुआ आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 573 लाभुकों को 1,63,000 CFT बालू मुफ्त में दिया गया है। हालांकि, विपक्ष ने इस दावे पर सवाल उठाते हुए सरकार से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने की मांग की।
झारखंड में बालू नीति को लेकर चल रही इस खींचतान से साफ है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमाएगा। विपक्ष जहां सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं सरकार अपनी नीतियों का बचाव करने में जुटी हुई है।