पूर्वी चंपारण: आम बोल चाल की भाषा में अक्सर लोग मुहावरों का उपयोग करते हैं। वहीं स्कूलों में बच्चों को भी मुहावरा पढ़ाया जाता है और उसका मतलब भी समझाया जाता है। लेकिन क्या हो जब स्कूल में बच्चों को ‘हाथ पांव फूलना’ का मतलब पढ़ाया शराब नहीं मिलना, कलेजा ठंडा होना का मतलब पढ़ाया जाए एक पैग गले के नीचे उतरना। क्या आप विश्वास कर पाएंगे कि कोई शिक्षक ऐसा पढ़ा सकते हैं वह भी शराबबंदी वाले राज्य में, लेकिन यह सच ही है। मामला है पूर्वी चंपारण का जहां एक सरकारी विद्यालय में एक शिक्षिका ने छात्रों को कुछ ऐसा ही पढ़ाया है।
मामला सामने के बाद हड़कंप मच गया वहीं लोग शिक्षिका के पढ़ाई पर सवाल उठाने लगे। मामला है पूर्वी चंपारण के ढाका प्रखंड के जमुआ मध्य विद्यालय की जहां एक शिक्षिका विनीता ने बच्चों को मुहावरों का अर्थ समझाते समय हाथ पांव फूलना का मतलब समय पर दारू न मिलना, कलेजा ठंडा होना का मतलब एक पैग अंदर जाना और नेकी कर दरिया में डाल का मतलब मुफ्त में दारू पिलाना सिखाया।
शिक्षिका के द्वारा उक्त मुहावरों का अर्थ ब्लैकबोर्ड पर लिखा हुआ एक फोटो बहुत ही तेजी से वायरल हो रहा है जो शिक्षा विभाग पर ही सवाल खड़ा करने लगा है।
मामला सामने आने के बाद विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुलेखा झा ने पुष्टि करते हुए कहा कि चौथी कक्षा के छात्रों को उक्त चीजें पढ़ाई है। मामले में वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने भी पुष्टि करते हुए कहा कि शिक्षिका ने फोन कर अपनी गलती स्वीकार कर ली है फ़िलहाल उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। जबकि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि मामले में दोषी शिक्षिका से उनका शैक्षणिक प्रमाणपत्र के साथ ही स्पष्टीकरण की मांग की गई है। उचित कार्रवाई की जाएगी।
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मोतिहारी से सोहराब आलम की रिपोर्ट
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