रांची: 11 अप्रैल को भाजपा के सचिवालय के मार्च के दौरान सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ धुर्वा थाने में पंजीकृत प्राथमिकी को निरस्त करने की याचिका की सुनवाई बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई। इस मामले में राज्य सरकार ने शपथ पत्र जमा करने के लिए अधिक समय की मांग की। उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख को 16 अक्टूबर तय की है।
भाजपा के निर्धारित कार्यक्रम के तहत सचिवालय की मार्च में पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। इसके चलते धुर्वा थाने में कांड नंबर 107/2023 दर्ज किया गया था। इस मामले में सांसद निशिकांत दुबे के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह, विधायक अमित मंडल, समीर उरांव और अन्य 41 नामजद व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। भाजपा ने इस मार्च का आयोजन खनिज समृद्ध राज्य में बदलती कानूनी प्रणाली, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ किया था। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस, वॉटर कैनन और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया। इस समय, क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई थी। सचिवालय की ओर मार्च का आग्रह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, अन्नपूर्णा देवी और राज्य के पार्टी सांसदों के नेतृत्व में था।
पुलिस के अनुसार, कुछ पार्टी कार्यकर्ताएँ के एक समूह ने बोतलें और पत्थर फेंके, जिससे कुछ पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी घायल हो गए थे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस की बैरिकेडों को तोड़ने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।