Wednesday, July 2, 2025

Latest News

Related Posts

उच्चतम न्यायालय ने राहुल गांधी को राहत दी

रांची: राहुल गांधी को राहत – उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत दे दी है। राहुल गांधी को गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा पर शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को रोक लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है एक व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। अदालत ने अवमानना याचिका में राहुल गांधी के हलफनामे को स्वीकार करते हुए कहा, “उन्हें (राहुल गांधी) अधिक सावधान रहना चाहिए था।

शीर्ष अदालत ने राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन पर असर पड़ा, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ।

राहुल गांधी को राहत

न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, पी. एस. नरसिम्हा और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।

गौरतलब है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उसकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। राहुल गांधी ने इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। इससे पहले सुनवाई की शुरुआत में राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का मूल सरनेम ‘मोदी’ नहीं है।

उन्होंने बाद में यह सरनेम अपनाया है। वहीं, राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान जिन लोगों का नाम लिया था, उनमें से एक ने भी मुकदमा नहीं किया। यह 13 करोड़ लोगों का एक छोटा सा समुदाय है और इसमें कोई एकरूपता या समानता नहीं है। सिंघवी ने कहा, “इस समुदाय के केवल उन्हीं लोगों को आपत्ति है, जो भाजपा के पदाधिकारी हैं और मुकदमा कर रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि यह गैर-संज्ञेय, जमानती और समझौता योग्य अपराध है।

यह अपराध न समाज के खिलाफ था, और न ही किसी प्रकार का अपहरण, बलात्कार या हत्या का मामला था। उन्होंने तर्क दिया कि उनका मुवक्किल कोई कुख्यात अपराधी नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए जाने के बावजूद उन्हें किसी भी मामले में कोई सजा नहीं हुई है।

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि राहुल पहले ही संसद के दो सत्रों से चूक चुके हैं। शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने तर्क दिया कि राहुल गांधी का पूरा भाषण 50 मिनट से अधिक समय का था और भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भाषण के ढेर सारे सबूत और क्लिपिंग संलग्न हैं।

राहुल गांधी को राहत

जेठमलानी का कहना है कि राहुल गांधी ने रंजिश के चलते एक पूरे वर्ग को बदनाम किया है। सुप्रीम कोर्ट ने जेठमलानी से पूछा कि कितने नेताओं को याद होगा कि वे एक दिन में 10-15 सभाओं के दौरान क्या बोलते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “पीठ जानना चाहती है कि अधिकतम सजा क्यों दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो वह (राहुल गांधी) अयोग्य नहीं ठहराए जाते। महेश जेठमलानी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले राहुल गांधी को आगाह किया था, जब उन्होंने राफेल मामले में शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि उनके आचरण में कोई बदलाव नहीं आया है।

Loading Live TV...

📍 लोकेशन और मौसम लोड हो रहा है...