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पारसनाथ पहाड़ का पूरा इलाका आदिवासियों का हैः सालखन

JAMSHEDPUR: पारसनाथ पहाड़ का पूरा इलाका आदिवासियों के पूर्वजों का है. यहां पर आदिवासियों के भगवान मरांग बुरु विराजते हैं, यह कहना है आदिवासी सेंगेल अभियान के सदस्य और पूर्व सांसद सालखन मुर्मू का. उन्होंने जैन धर्म के लोगों पर पारसनाथ पहाड़ी को हड़पने का आरोप लगाया है.

मारंग बुरु बचाओ भारत यात्रा की शुरुआत

पारसनाथ पहाड़


आदिवासी सेंगेल अभियान समिति की ओर से आज मारंग बुरू बचाओ भारत यात्रा का विधिवत शुभारंभ किया गया. यात्रा की शुरुआत जमशेदपुर से की गई, जहां काफी संख्या में आदिवासी सेगल अभियान के सदस्य शामिल हुए. इस अभियान की शुरुआत पूर्व सांसद सलखान मुर्मू ने की. मारंगबुरू बचाओ भारत यात्रा आज से शुरू होकर 31 जनवरी तक चलेगा। इस मौके पर सालखन मुर्मू ने कहा कि पारसनाथ का पहाड़ और पूरा इलाका आदिवासियों के पूर्वजों का है यहां पर आदिवासियों का भगवान मरांग बुरु विराजते हैं. लेकिन जैन धर्म के लोगों ने इसे हड़प लिया है और झारखंड सरकार ने भी 5 जनवरी 2023 को जैन की धरोहर सौंपने का लिखित दस्तावेज पेश कर दिया है.

सालखन मुर्मू ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना

पारसनाथ पहाड़


पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना

साधते हुए कहा कि यह सरकार आदिवासी विरोधी है और

आदिवासियों के भगवान को बेच दिया है. साथ ही सरना धर्म कोड लागू

करने की मांग की. केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड लागू की मांग करते

हुए उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय उनके साथ है.

1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर भी सालखन मुर्मू

ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि उन्हें 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति कभी लागू हो ही नहीं सकता यह सरकार लोगों को और आदिवासियों पर ठग रही है.

रिपोर्ट: लाला जबीं

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