रांची: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) और राज्य सूचना आयोगों (एसआइसी) में लंबे समय से खाली पड़े पदों को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया चार सप्ताह के भीतर पूरी की जाए।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान झारखंड, त्रिपुरा और तेलंगाना जैसे राज्यों पर विशेष ध्यान दिया, जहां सूचना आयोग लगभग निष्क्रिय हो गए हैं। अदालत ने इन राज्यों के मुख्य सचिवों को तुरंत प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।
झारखंड सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणाभ चौधरी ने अदालत को बताया कि 2020 से एसआइसी में पद खाली हैं, क्योंकि विपक्ष के नेता की अनुपस्थिति के कारण कोरम पूरा नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि बुधवार को नए सदन का शपथ ग्रहण होगा और इसके बाद चार सप्ताह के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
पीठ ने केंद्रीय सूचना आयोग में भी रिक्तियों का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्य सूचना आयुक्त सहित 11 स्वीकृत पदों में से आठ खाली हैं। केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बृजेंद्र चाहर को इन रिक्तियों को भरने के लिए उठाए गए कदमों पर दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि फरवरी 2019 से सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 को प्रभावी बनाए रखने के लिए सूचना आयोगों में समय पर नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने इस बार सख्त रुख अपनाते हुए प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से सूचना आयोगों की कार्यक्षमता में सुधार आने और सूचना के अधिकार को प्रभावी रूप से लागू करने में मदद मिलने की उम्मीद है।