रांची : झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर
बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इनके मुखिया पीएम फोन पर धमकी देते हैं.
क्या स्थिति हो गयी है आज देश की. इनके उतावला पन ही बता रहा है कि
राजनीतिक रूप से कितने घबराए हुए हैं. रेपिस्ट को जेल से निकलने पर माला पहनाते हैं.
हत्यारा, लूटेरे, मॉबलिंचिंग करने वाले को माले पहनाते हैं. ये क्या सामाजिक समरसता बनाएंगे.
ये लोग फाइव स्टार होटल में खाना बनाकर ले जाते हैं और गरीब के घर में खाते हैं.
उन्होंने कहा कि आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक को हमेशा संघर्ष करना पड़ा.
वर्तमान सरकार यहां के बहुसंख्यक, अल्पसंख्यक, आदिवासी और पिछड़े को
इतना मजबूत करेगी कि आने वाले समय में इनको मूंह तोड़ जवाब देगी.
ईश्वर इनके जेब में रहते हैं. ये लोग मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा के नाम पर लड़वाकर वोट मांगते हैं. वहीं हमलोग इनका पेट भरकर, स्वरोजगार देकर, नौकरी देकर वोट मांगते हैं.
हमलोगों ने काफी लंबी लड़ाई लड़ी
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है पूरे राज्य का ध्यान आज इस सदन पर है. इसके लिए हमलोगों ने काफी लंबी लड़ाई लड़ी, लेकिन इनका इरादा स्पष्ट है संसोधन के माध्यम से एन केन प्रकरेण अवरुद्ध करना चाहते हैं. इनके द्वारा फैलाये गंदगियों को भी साफ करना है.
इनके मुखिया पीएम फोन: सामंतवादी सोच वालों को छोड़ेंगे नहीं
जब ये राजनीतिक रूप से नहीं सकते हैं तो अपने अदृश्य शक्ति के रूप में काम करते हैं, लेकिन ये सरकार इन सब चीजों से डरने वाली नहीं है. एक-एक षड्यंत्र का जवाब कोर्ट के माध्यम से मिल रहा है. आज इनके पास न नेता है और न मुद्दे हैं. बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी आज घूम-घूम कर चिल्ला रहे हैं लेकिन उनको पता ही नहीं है इनलोगों ने पहले मधु कोड़ा को फिर मुंडा को ठगा और अब इनकी बारी है. इन सामंतवादी सोच वालों को छोड़ेंगे नहीं
आदिवासी को डरना और घुटना टेकना हमारे डीएनए में नहीं
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आज इसी सरकार ने देश में इतिहास बनाते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू किया. हमारे हर एक निर्णय इस राज्य के लिए मिल के पत्थर साबित हो रहे हैं. हमें गर्व है गुरुजी के नेतृत्व में हमें राज्य मिला और उनके पुत्र के नेतृत्व में आज स्थानीय नीति दिया जा रहा है. आज के ही दिन सरना धर्म कोड पेश हुआ था, आज के ही दिन सीएनटी एक्ट भी लागू हुआ था. आदिवासी को डरना और घुटना टेकना हमारे डीएनए में नहीं है. अब इनका उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. झारखण्ड के लोग ईडी, सीबीआई से डरने वाली नहीं है. हम लोग जेल में भी रहकर इनका सुपरा साफ कर देंगे.