राज्यपाल रमेश बैस ने जनजातीय छात्रों की परेशानियों को देख केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को लिखा पत्र

Ranchi– सीयूईटी Breaking- राज्यपाल रमेश बैस ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र लिखकर राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में सत्र 2022-23 में स्नातक के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) लागू करने में आ रही परेशानियों से अवगत कराया है.

राज्यपाल रमेश बैस ने अपने पत्र में कहा है कि छात्रों की समस्याओं को देखते हुए वर्तमान सत्र से सीयूईटी का पालन करवाना संभव प्रतीत नहीं होता है. जनजातीय विद्यार्थियों की वास्तविक और व्यवहारिक समस्यों को देखते हुए 2022-23 से इसे लागू करने के निर्णय पर विचार किया जाना चाहिए.

राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्नातक में नामांकन के लिए शैक्षणिक सत्र 2022-23 से सीयूईटी के कार्यान्वयन के लिए कहा गया था, तद्नुसार, राज्य के सभी कुलपतियों के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग को यूजीसी के उक्त दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया था.

सीयूईटी का आवेदन शुल्क जमा करने की स्थिति में नहीं है जनजातीय छात्र

इसके बाद राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 से स्नातक में विद्यार्थियों के नामांकन के लिए सी०यू०ई०टी० लागू करने में आ रही परेशानियों से अवगत करवाया गया.

विश्वविद्यालयों द्वारा यह इनपुट मिला कि झारखंड राज्य के अधिकांश विद्यार्थियों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि बेहतर नहीं हैं. विशेष रूप से जनजाति और पिछड़े समुदायों की छात्राएं सीयूईटी के लिए आवेदन शुल्क (लगभग 500-600 ) वहन करने की स्थिति में नहीं  है. इससे ड्रॉप आउट मामलों में भी वृद्धि हो सकती है. यहां बता दें कि सी०यू०ई०टी० परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 22 मई, 2022 है, लेकिन अभी भी परीक्षा के पाठ्यक्रम और परीक्षा के स्वरूप (पैटर्न) के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है.

रिपोर्ट- मदन

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