क्या केएन त्रिपाठी लेने जा रहें सोनिया गांधी का स्थान?

Ranchi- के एन त्रिपाठी – सुदूरवर्ती जिला पलामू के मेदिनीनगर का रेड़मा

झारखंड के दूसरे गांवों की तरह ही बेहद सामान्य गांव है.

दूसरों गांवों तरह यहां भी बुनियादी सुविधाओं का टोटा है,

लेकिन अभाव से हौसले नहीं टूटा करते, सपनों की उड़ान नहीं मरती.

इसी गांव की गलियों में के एन त्रिपाठी का बचपना गुजरा है,

बाद में उनकी नौकरी भारतीय एयरफोर्स (Indian Air Force) में लग गयी,

गांव की गलियों को निकल कर वह आसमान की सैर करने लगें.

क्या के एन त्रिपाठी के सर सज सकेगी का ताज?

2005 बितते बितते कृष्णानंद त्रिपाठी ने एयरफोर्स की नौकरी

को विदा कर राजनीति की दुनिया में कदम रखा,

लेकिन राजनीति की दुनिया इतनी सरपट तो नहीं होती,

कृष्णानंद त्रिपाठी को हार का स्वाद चखना पड़ा,

2009 बितते बितते डाल्टनगंज से विधायकी का चुनाव जीतने में सफलता मिल गयी.

बाद में मंत्री बनने का भी सौभाग्य मिल गया.

फिलहाल राजनीति के मैदान में खाली हाथ है त्रिपाठी

फिलवक्त वह राजनीति के मैदान में खाली हाथ हैं.

लेकिन यदि इस बार भी किस्मत का साथ मिला तो

कांग्रेस अध्यक्ष का ताज के एन त्रिपाठी के सर सज सकता है.

दरअसल के एन त्रिपाठी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है

दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय (Congress Headquarters) में नामांकन पत्र भरा है.

इन्होंने गुरुवार को नॉमिनेशन पर्चे की खरीद की थी.

अब देखना होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की यह बाजी किसके हाथ आती है.

किसान का बेटा भी बन सकता है अध्यक्ष, कांग्रेस में है लोकतंत्र

वैसे उन्होंने कहा है कि आलाकमान का जो भी आदेश होगा, वह उसका वह करेंगे.

कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है. यह लोकतंत्र का ही तकाजा है कि

एक किसान का बेटा भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ कर सकता है.

उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा,

ऐसा भारतीय जनता पार्टी में संभव नहीं है.

त्रिपाठी ने कहा, कांग्रेस के श्रमिक संगठनों व अन्य नेताओं के कहने पर उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बनाया है.

 बता दें, कृष्णानंद त्रिपाठी 2005 में डालटगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक बने थे.

बाद में वह प्रदेश सरकार में मंत्री पद पर भी रहे। 

पलामू के किसानों की मांग लेकर डीसी से मिलने पहुंचे पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी

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