रांची: रेलवे यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन और साफ-सुथरा वातावरण उपलब्ध कराने के दावे की पोल शनिवार को उस समय खुल गई जब सीनियर डीसीएम शुचि सिंह ने रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर संचालित कॉमसम फूड प्लाजा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान रसोईघर से लेकर परिसर की हालत बेहद गंदी पाई गई। किचन में खुले में रखा पका खाना, मक्खियों की भरमार और घूमते हुए कॉकरोच देखकर अधिकारी हैरान रह गईं।
स्टाफ के रवैये और फूड क्वालिटी की गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए सीनियर डीसीएम ने फूड प्लाजा संचालक पर भारी जुर्माना लगाने का आदेश दिया। मौके से पनीर, रसगुल्ला, गुलाब जामुन आदि के सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
अव्यवस्था की लंबी सूची:
फूड प्लाजा के डाइनिंग एरिया में चार एसी लगे थे, लेकिन एक भी चालू नहीं था।
रसोईघर में पलाई कैचर तक नहीं था और आरओ वॉटर प्यूरीफायर काम नहीं कर रहा था।
पेस्ट कंट्रोल कंपनी की हालिया सेवा के बावजूद किचन में कॉकरोच देखे गए।
मेनू चार्ट अधूरा था और प्रिंटेड मेनू कार्ड तक उपलब्ध नहीं था।
बिल में ‘रेलनीर’ दिखाया गया जबकि बैली ब्रांड का पानी परोसा गया।
शाकाहारी और मांसाहारी वस्तुओं को अलग नहीं रखा गया था, सब्जियों के साथ चिकन और अंडे एक ही स्थान पर रखे गए थे।
कच्चे मोमोज को आइसक्रीम के साथ डीप फ्रीजर में स्टोर किया गया था।
बेकरी आइटम्स पर ‘बेस्ट बिफोर’ या ‘यूज बाय’ की तारीख नहीं थी।
लहसुन में काले फफूंद लगे पाए गए और अदरक-लहसुन की गुणवत्ता भी बेहद खराब थी।
कुल्हड़ का साइज निर्धारित मानक से छोटा पाया गया।
स्टाफ की भूमिका भी संदिग्ध:
निरीक्षण के दौरान ड्यूटी पर तैनात मैनेजर त्रिलोक चंद और कुक बंसीधर का व्यवहार असहयोगात्मक और अभद्र पाया गया। सभी कर्मचारियों ने पहचान पत्र भी नहीं पहन रखा था।
साथ में हुआ टिकट जांच अभियान:
निरीक्षण के बाद अपर क्लास वेटिंग हॉल का भी मुआयना किया गया। इसके बाद मौयाँ एक्सप्रेस (15027) में टिकट चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान रेलवे के अधिकारी नीरज कुमार, सचिन गुप्ता, मोती लाल, विपिन कुमार, योगेश, सुरेश उरांव और आशुतोष कुमार उपस्थित रहे।
रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि यात्रियों की सेहत से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।