आरा/दरभंगा/मधेपुरा : बीपीएससी छात्रों के समर्थन में बिहार के अलग-अलग जिलों में आइसा, इंकलाबी नौजवान सभा और सीपीआई माले के साथ-साथ कुछ छात्र-छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें आरा, दरभंगा और मधेपुरा जिला शामिल है। आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के द्वारा आरा रेलवे स्टेशन पर 03376 पैसेंजर ट्रेन को रोककर ट्रैक को जाम किया है। भारी संख्या में आरा रेलवे स्टेशन पर आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के लोग मौजूद हैं। बता दें कि भाकपा-माले की तरफ से 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा रद्द करने को लेकर आज यानी 30 दिसंबर को बंद का ऐलान किया है।
आपको बता दें कि बीपीएससी की 70वीं परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे अभ्यर्थियों को अब सीपीआई एमएल का समर्थन मिल गया है। सीपीआई एमएल ने बिहार में चक्का जाम का आह्वान किया है। वामपंथी दल माले अपने संगठन के साथ पूरे बिहार में चक्का जाम करने की योजना बना रही है। भाकपा-माले ने बीपीएससी-पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर 30 दिसंबर को चक्का जाम करने का फैसला किया था। अगिआंव के विधायक और युवा संगठन के नेता ने कहा कि यदि बीपीएससी की तरफ से पीटी परीक्षा को रद्द कर नई तीथि की घोषणा नहीं की गई तो 30 दिसंबर को पूरे बिहार में चक्का जाम करने का ऐलान किया था।
BPSC परीक्षा को रद्द करने को लेकर दरभंगा में AISA-RYA में लोगों ने ट्रेन को रोका
पटना में बीपीएससी छात्रों के आंदोलन के समर्थन में और छात्रों के ऊपर लाठीचार्ज के खिलाफ दरभंगा में AISA-RYA के साथ युवा राजद कार्यकर्ताओं के द्वारा बिहार बंद का असर देखने को मिला। दरभंगा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारी ने दरभंगा से दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस का चक्का जाम कर अपनी आवाज को बुलंद किया। आंदोलनकारियों ने बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने के साथ साथ शिक्षा माफिया पर नकेल कसने की मांग की।
वहीं आंदोलन का नेतृत्व कर रहे युवा राजद के महानगर राकेश नायक ने कहा कि हम लोग आज बिहार के नौजवान के आवाज व आंदोलन को बुलंद करने के लिए सड़क पर उतरे हैं। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार उनके आवाजों का दमन कर रही है। यहां के नौजवान गरीब व किसान परिवार से आते हैं। जिस प्रकार से यहां के नौजवान अपनी शिक्षा दीक्षा को पूरा करते हैं। उसके बाद जब भी देश में बड़े परीक्षा होते हैं। यहां के शिक्षा माफियाओं के द्वारा परीक्षा में गड़बड़ी कर उनके भविष्य के साथ खेलवाड़ करते है।
उन्होंने कहा कि यहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद भाजपा के चुंगल में है। यहां के स्टूडेंट के ऊपर जो अत्याचार हो रहा है। उसी के खिलाफ उनके आंदोलन को मजबूत करने के लिए उतरे हैं। जिस प्रकार पटना के गर्दनीबाग में छात्र शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। उसी क्रम में एक छात्र की मौत हो जाती है। जिसमें सरकार की मिलीभगत साफ तौर पर नजर आ रही है। इसीलिए सरकार से हम लोगों की मांग है की पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिले। ताकि उस नौजवान की आत्मा को शांति मिले। वहीं उन्होंने कहा कि उनके शहादत को हम लोग कहीं से भी कमजोर नहीं होने देंगे। अगर बिहार की सरकार नीतीश कुमार बीपीएससी की परीक्षा को रद्द नहीं करती है। तो इस आंदोलन को और भी उग्र किया जाएगा।
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BPSC परीक्षा में धांधली के खिलाफ मधेपुरा में सड़क पर उतरे छात्र
पटना में बीपीएससी परीक्षा में धांधली के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज के खिलाफ छात्रा ने विशाल आक्रोश मार्च निकाला। आक्रोश मार्च में सैकड़ों के संख्या में छात्र और छात्राओं का हुजूम टीपी कॉलेज मधेपुरा से निकलकर पुराने बस स्टैंड स्थित बीपी मंडल के प्रतिमा तक पहुंचे। जहां आक्रोश मार्च सभा में तब्दील हो गई। आक्रोश मार्च का नेतृत्व कर रहे एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि सरकार राज्य के छात्र और युवाओं से जंग लड़ रही है। बीपीएससी अभ्यर्थी बीते 14 दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे है। जहां सरकार का कर्तव्य था कि वो छात्रों से मिलकर उनके समस्याओं को सुने, उनके सवालों के जवाब दे लेकिन सरकार लगातार पुलिसिया दमन के सहारे छात्रों के ही आवाज को कुचल रही है। अब तक कई बार लाठीचार्ज हुए। बीते रात सरकार ने दमन और बर्बरता का सारा सीमा पार कर दिया। छात्रों पर वाटर केनन चलाया गया, लाठियां बरसाई गई, सड़कों पर घसीटा गया और बहुत से छात्र और छात्राओं की गिरफ्तारी भी हुई है।
जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि छात्रों पर चली एक-एक लाठियों का हिसाब सरकार को देना होगा। छात्र का दमन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ न्याय नहीं होता है तब तक छात्र और युवा सड़क पर संघर्ष करते रहेंगे। वहीं अभ्यर्थी मोनिका झा और किमी यदुवंशी ने कहा कि छात्र अपने घरों से बाहर रहकर वर्षों तक कड़ी मेहनत कर परीक्षा की तैयारी करते है और जब परीक्षा देने जाते है तो प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले लिख हो जाते है। हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकार को हमारे सवाल के जवाब देने पड़ेंगे।
आक्रोश मार्च में मुख्य रूप से छोटी कुमारी, रैना यादव, बंदना कुमारी, काजल प्रिया, पल्लवी यादव, ब्यूटी कुमारी, जूही कुमारी, नेहा कुमारी, सपना कुमारी, निरंजन कुमारी, निकी कुमारी, जिला सचिव सोनू कुमार, कॉलेज अध्यक्ष विभाष कुमार विमल, सचिव संतन कुमार, प्रखंड संयोजक रणधीर कुमार, आशीष कुमार, चंदन राय, अमलेश कुमार, शंकर कुमार, दीपक यादव, नीतीश कुमार यादव, सज्जन कुमार, मो कैफ, अभिषेक कुमार, अमित कुमार, अमलेश आनंद, अंशु पासवान, सचिन कुमार और विनीत कुमार समेत दर्जनों एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे।
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नेहा गुप्ता, वरुण ठाकुर और रमण कुमार की रिपोर्ट