डिजीटल डेस्क : राहुल गांधी पर एनी राजा (कांग्रेस नेता के खिलाफ वायनाड में भाकपा प्रत्याशी) ने करारा हमला बोलते हुए कहा है कि राहुल गांधी ने वायनाड में अपने 5 साल के कार्यकाल में कुछ नहीं किया। अमेठी तो उनकी पार्टी और परिवारवालों को पारंपरिक सीट कही जाती रही है। वहां वह गत बार से पहले के लोकसभा चुनाव में रिकार्ड मतों से जीते थे लेकिन गत बार हार गए तो यहां ( वायनाड में) जब काम ही नहीं किया है तो क्यों नहीं हारेंगे। यह चुनाव है। इसमें जनता का मिजाज ही नतीजों में दिखता है, दावों और दिखावों से कुछ नहीं होता।
राहुल पर एनी का प्रहार – 5 साल संसद में वायनाड की समस्या नहीं उठाई, अब कर रहे पुराने वादे
राहुल पर एनी राजा यहीं नहीं रुकतीं। वह आगे कहती हैं कि राहुल गांधी ने पिछले 5 साल में वायनाड लोकसभा क्षेत्र की जनता के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने 5 साल पहले भी जो वादे किए थे वही आज भी कर रहे हैं। वायनाड क्षेत्र में वन्य पशुओं की समस्या बहुत बड़ी है। राहुल गांधी ने इस बारे में एक बार भी संसद में आवाज नहीं उठाई, पूरे 5 साल चुप रहे और अब फिर से उसी मुद्दे को लेकर जनता के बीच वादे करते फिर रहे हैं। कोई भी आम आदमी या वोटर ऐसे नेता को कितना पसंद करेगा, सभी जानते हैं। कर्नाटक ने वायनाड को जोड़ने वाली सड़क को बंद कर दिया गया है। कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की ही सिद्दरमैया वाली सरकार है और राहुल गांधी चाहें तो एक दिन में इसे खुलवा सकते हैं। वायनाड की बड़ी मुस्लिम आबादी को सीएए को लेकर आशंका है, लेकिन कांग्रेस का घोषणापत्र इसके बारे में भी चुप है।
राहुल का वायनाड से लड़ना वामपंथियों के खिलाफ कांग्रेसी साजिश – एनी राजा
राहुल गांधी के खिलाफ इस बार इंडी गठबंधन में कांग्रेस के साथ घटक वाममोर्चा के भाकपा की ओर से एनी राजा वायनाड में कांग्रेस से पहले ही प्रत्याशी के तौर पर उतर चुकी थीं। भाकपा महासचिव डी राजा उनके पति हैं। केरल में वायनाड लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होना है। भाकपा की वरिष्ठ नेता एनी राजा राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले को वामपंथी पार्टियों को कमजोर करने की साजिश बताया है। एनी राजा ने कहा कि वह राहुल गांधी के खिलाफ नहीं, बल्कि राहुल गांधी उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। एलडीएफ की ओर से उम्मीदवार के रूप में एनी राजा के नाम की घोषणा के 15 दिन बाद कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के नाम का ऐलान किया गया। इसी क्रम में एनी ने आगे कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को अन्य राज्यों में हराने के बजाय केरल में वामपंथी दलों से लड़ने और वामपंथियों को कमजोर करने का फैसला किया। राहुल गांधी तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में किसी भी सेफ सीट से लड़ सकते थे। वैसा करते तो वामपंथी दल उनके साथ खड़े होते, लेकिन वायनाड से लड़ने का फैसला कर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को आईएनडीआईए के खिलाफ हमला करने का मौका दे दिया। गलती वामपंथियों की नहीं, कांग्रेस की है।
राहुल संग एनी को चुनाव बाद तानाशाही के खिलाफ साथ खड़ा होने में कोई आपत्ति नहीं
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ वायनाड में भाकपा प्रत्याशी एनी राजा अभी जितना आक्रामक दिख रही हैं, वह चुनाव बाद देश की सियासी जरूरत के लिहाज से नरम भी पड़ सकता है। इस बारे में एनी राजा तनिक भी नहीं हिचकिचातीं और खुलकर अपना पक्ष रखती हैं। गठबंधन का धर्म वामपंथी दल हमेशा गंभीरता से निभाते हैं लेकिन कोई दूसरा इससे भटके तो कुछ नहीं किया जा सकता। वामपंथी देशहित में तय अपने राजनैतिक फैसले पर हमेशा कायम रहे थे, हैं और रहेंगे। राहुल गांधी को हराने के लिए सुबह से देर रात तक चुनाव प्रचार में जुटीं रहीं एनी खुलकर कहती हैं कि चुनाव के बाद पीएम मोदी की तानाशाही और फासीवादी नीतियों के खिलाफ संसद के भीतर राहुल गांधी और कांग्रेस के साथ खड़े होने में भाकपा को कोई गुरेज नहीं होगा। एनी कहती हैं कि भाकपा फासीवाद के खिलाफ लोकतांत्रिक और पंथनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने का काम जारी रखेगी। संसदीय प्रणाली में फासीवादी ताकतों के खिलाफ लोकतांत्रिक और पंथनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करना हमारी पार्टी का मिशन है और इसे पार्टी की कार्यकारिणी में एकजुट होकर स्वीकार किया है।