रांची: झारखंड की सियासत में इन दिनों बयानबाज़ी का दौर तेज़ है। राज्य के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा JMM के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और BJP पर तीखा हमला बोला है। रामदास सोरेन ने कहा कि BJP ने आदिवासी नेताओं को “समुंदर के केकड़े” की तरह दो फीट के गड्ढे में कैद कर रखा है, जहां से वे निकल ही नहीं सकते।
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए रामदास सोरेन ने कहा, “आज चंपई जी कह रहे हैं कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालेंगे। हम उनकी भावना की कद्र करते हैं। लेकिन जब हेमंत सोरेन और गुरूजी (शिबू सोरेन) ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था, तब यह बात कहनी चाहिए थी। अगर उन्हें लगता था कि बांग्लादेशी घुसपैठ है, तो उन्हें मुख्यमंत्री का पद ही स्वीकार नहीं करना चाहिए था।”
शिक्षा मंत्री ने कहा कि चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए पांच महीने तक शासन किया, लेकिन तब उन्होंने न तो बांग्लादेशी घुसपैठ पर कोई ठोस कदम उठाया, न ही कोई बयान दिया। अब जब वे BJP की विचारधारा से जुड़ गए हैं, तो लगातार JMM पर हमला बोल रहे हैं।
रामदास सोरेन ने कहा, “दादा ताला मरांडी भी BJP छोड़ चुके हैं। एक-एक कर सभी आदिवासी नेता पार्टी से मोहभंग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में देखिए, कितने और नेता BJP छोड़ते हैं।”
अपने कटाक्ष को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, “समुंदर का एक केकड़ा होता है, उसके 10 हाथ-पैर होते हैं। अगर उसे दो फीट गहरे गड्ढे में डाल दिया जाए, तो वह ऊपर नहीं निकल सकता। उसी तरह BJP ने आदिवासी नेताओं को केकड़ा बना दिया है और उन्हें दो फीट के गड्ढे में डाल दिया है – वे चाहकर भी बाहर नहीं आ सकते।”
शिक्षा मंत्री की यह टिप्पणी न केवल चंपई सोरेन पर निजी हमला मानी जा रही है, बल्कि BJP की आदिवासी नीति पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। यह बयान ऐसे समय आया है जब झारखंड में चुनावी हलचल तेज हो रही है और राजनीतिक दल अपने-अपने पाले मजबूत करने में लगे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चंपई सोरेन के BJP के प्रति झुकाव और रामदास सोरेन जैसे नेताओं के तीखे बयानों से साफ है कि आने वाले समय में झारखंड की राजनीति और गर्माने वाली है।