धनबाद निबंधन कार्यालय में आयकर विभाग ने सर्वे में 1000 से अधिक रजिस्ट्री में पैनकार्ड की गड़बड़ी पकड़ी। गलत सूचना देने पर विभाग ने 15 दिन में रिपोर्ट मांगी।
Dhanbad Registration Office Survey: धनबाद आयकर प्रक्षेत्र की विशेष टीम ने बुधवार को धनबाद निबंधन कार्यालय में अचानक सर्वे किया। प्रारंभिक जांच में कई गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ। आयकर विभाग को पता चला कि रजिस्ट्री के दौरान कार्यालय ने टैक्स नियमों की अनदेखी की और कई मामलों में जानबूझकर गलत सूचनाएं भेजीं। इससे वे खरीदार और विक्रेता, जिन्होंने करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री की, जांच के दायरे से बाहर रह गए।
Dhanbad Registration Office Survey:
आयकर टीम ने पाया कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2022-23, 2023-24 और 2024-25) में करीब 1000 से अधिक भूखंड, मकान और फ्लैट की रजिस्ट्री बिना पैनकार्ड के कर दी गई। नियमों के अनुसार, जिन व्यक्तियों के पास पैनकार्ड नहीं होता, उनसे फॉर्म 60 भरवाना और उसकी जानकारी फॉर्म 61 के जरिए आयकर विभाग को ऑनलाइन भेजना अनिवार्य है, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ।
Key Highlights:
आयकर विभाग की विशेष टीम ने धनबाद निबंधन कार्यालय में बुधवार को सर्वे किया।
1000 से अधिक प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में खरीदारों या विक्रेताओं से पैनकार्ड नहीं लिया गया।
वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक के रिकॉर्ड को जांच के दायरे में लिया गया।
गलत व अधूरी जानकारी देने पर विभाग ने 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
सब रजिस्ट्रार का बयान रिकॉर्ड, त्रुटियां सुधारने का भरोसा दिया गया।
Dhanbad Registration Office Survey:
आयकर विभाग ने निबंधन कार्यालय से 10 लाख रुपये या उससे अधिक की संपत्ति लेन-देन वाली सभी रजिस्ट्री का ब्योरा मांगा है। साथ ही, ऐसे सभी मामलों में खरीदारों और विक्रेताओं की जानकारी दोबारा जांची जाएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि गलत जानकारी देने पर पेनल्टी और प्रोस्क्यूशन दोनों की कार्रवाई हो सकती है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग को बार-बार नोटिस भेजने और टेलीफोनिक रिमाइंडर देने के बावजूद निबंधन कार्यालय ने अधूरी या त्रुटिपूर्ण जानकारी ही भेजी। इस पर विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए सब रजिस्ट्रार का बयान दर्ज किया और जवाब मांगा कि सुधार कार्य अब तक क्यों नहीं किया गया।
Dhanbad Registration Office Survey:
सब रजिस्ट्रार रामेश्वर सिंह ने आयकर टीम को भरोसा दिलाया है कि 10 से 15 दिनों के भीतर सभी गलतियों को सुधारकर रिपोर्ट विभाग को भेज दी जाएगी। आयकर विभाग अब ऐसे खरीदारों को नोटिस जारी करने की तैयारी में है, जिनसे संपत्ति खरीद के लिए धन के स्रोत की जानकारी मांगी जाएगी। वहीं, विक्रेताओं से यह पूछा जाएगा कि उन्होंने संपत्ति बिक्री से हुई कमाई को आयकर रिटर्न में दर्शाया या नहीं।
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