रांची: शुक्रवार को दोपहर बाद रांची समेत आसपास के इलाकों में मौसम ने अचानक करवट ली। आसमान में काले बादल छा गए और तेज़ हवा के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। इस अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया बल्कि किसानों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। भारी ओलावृष्टि और लगातार होती बारिश से फसलें चौपट हो गईं, वहीं लोगों की संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा।
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शहर में अचानक बदला मौसम, तेज़ हवा के साथ गिरने लगे ओले
दोपहर करीब 2 बजे रांची में आसमान में घने बादल छा गए और थोड़ी ही देर में तेज़ हवाएं चलने लगीं। अपर बाजार, मेन रोड, बरियातू, कोकर, धुर्वा, हटिया और चुटिया जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में करीब 2:30 बजे से ओलावृष्टि शुरू हो गई। कुछ ही मिनटों में ओले गिरने की रफ्तार इतनी तेज़ हो गई कि सड़कें सफेद चादर जैसी दिखने लगीं। कई इलाकों में तो ओलों का आकार गोल्फ बॉल जितना बड़ा बताया गया, जिससे घबराए लोग घरों और दुकानों में शरण लेते नजर आए।
कृषि को गहरा झटका, बर्बाद हुई सब्जियां और फलदार फसलें
इस ओलावृष्टि और बारिश का सबसे अधिक असर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिला। खासकर नामकुम, खिजरी, चंदाघासी, ओबरिया और लालखटंगा जैसे इलाकों में किसानों की सब्जियों की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गईं। खेतों में लगी टमाटर, धनिया, साग, फूल गोभी, बैगन और अन्य मौसमी सब्जियों को ओलों ने तहस-नहस कर दिया।
नामकुम निवासी किसान रामचंद्र महतो ने बताया, “तीन एकड़ में धनिया और गोभी लगाई थी, पूरी फसल बर्बाद हो गई। इतनी मेहनत और खर्च के बाद ऐसा नतीजा देख कर दिल टूट गया।”
घरों की छतें टूटीं, वाहन क्षतिग्रस्त, पेड़ गिरे
तेज़ हवा और ओलावृष्टि से शहरी इलाकों में भी काफी नुकसान हुआ। एस्बेस्टस की छतों वाले घरों में ओलों से छेद हो गए। कई स्थानों पर कच्चे मकानों की छतें टूटकर गिर गईं। बरियातू, कोकर और हेहल क्षेत्रों में पार्क की गई कारों और दोपहिया वाहनों के शीशे फूट गए।
बड़ा तालाब क्षेत्र में एक विशाल यूकेलिप्टस का पेड़ हवा के दबाव से उखड़कर सार्वजनिक शौचालय पर गिर पड़ा। उस समय करीब 15 लोग वहां बारिश से बचने के लिए खड़े थे, जो बाल-बाल बच गए।
तापमान में भारी गिरावट, रांची ठंडा हुआ
इस मौसमी बदलाव का असर रांची के तापमान पर भी देखने को मिला। अधिकतम तापमान 1.7 डिग्री की गिरावट के साथ 32.4 डिग्री सेल्सियस पर आ गया, जो सामान्य से 3.5 डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 20.3 डिग्री दर्ज किया गया, जिसमें 1.3 डिग्री की गिरावट रही।
बारिश की बात करें तो रांची में 5.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा में सर्वाधिक 10.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई। खूंटी में 2 मिमी बारिश हुई।
अगले चार दिनों के लिए मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र रांची ने 22 अप्रैल तक के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, झारखंड के कई जिलों में अगले चार दिनों तक तेज़ बारिश, वज्रपात और 40–50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।
19 अप्रैल: रांची समेत अधिकांश जिलों में बारिश और तेज़ हवा (पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार को छोड़कर)
20 अप्रैल: रांची में बारिश की संभावना
21 अप्रैल: राज्य के कई हिस्सों में वज्रपात के साथ बारिश और तेज हवा
22 अप्रैल: पूरे राज्य में बारिश की संभावना (केवल पलामू, गढ़वा, कोडरमा, लोहरदगा को छोड़कर)
राज्य के अन्य जिलों में भी मौसम का मिला-जुला असर
देवघर में तापमान में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जहां पारा 10.2 डिग्री लुढ़क कर 25.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। दूसरी ओर, लातेहार, खूंटी और लोहरदगा में तापमान में करीब 2 डिग्री की बढ़ोतरी देखने को मिली। सबसे अधिक तापमान डालटनगंज में रहा, जहां पारा 39.6 डिग्री पर पहुंच गया।
प्रशासन और मौसम विभाग की अपील: सतर्क रहें
प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की गई है कि बारिश और वज्रपात के दौरान अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें। बिजली के खंभों, पेड़ों और खुले स्थानों से दूर रहें। किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में न जाएं और संभावित नुकसान का आकलन कर उचित सहायता के लिए आवेदन करें।
रांची समेत झारखंड के कई जिलों में शुक्रवार को हुए मौसम के इस अप्रत्याशित और आक्रामक रूप से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ओलावृष्टि ने जहां किसानों को आर्थिक झटका दिया, वहीं आम लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई। आने वाले दिनों में मौसम और बिगड़ सकता है, ऐसे में सावधानी ही सुरक्षा है।