रांची : Hero Of The Show – झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत पर चर्चा में छाए रहे पूर्व सीएम चंपाई सोरेन। झारखंड विधानसभा में सोमवार को विशेष सत्र में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन के विश्वास मत प्रस्ताव पर हुई चर्चा वाली शो में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ही मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। सत्ता पक्ष से लेकर प्रतिपक्ष के विधायकों ने भी अपने संबोधन में उनका जिक्र अहम बिंदुओं पर किया। खुद चंपाई सोरेन ने झारखंड के लिहाज से ‘मील का पत्थर’ कहा जा सकने वाला अपना संबोधन अपने चिरपरिचित अंदाज में दिया। उनका सोमवार का बयान के निशाने पर प्रतिपक्षी एनडीए से लेकर सत्ताधारी आईएनडीआईए सभी रहे लेकिन उनकी चिंता झारखंड के मूलवासी और आदिवासियों के हित पर केंद्रित रही जो कि झारखंड की सियासत की बुनियाद है। आजसू विधायक सुदेश महतो ने जिस अंदाज में चंपाई सोरेन का बखान किया उसने नेता सदन हेमंत को भी बैकफुट पर आने के विवश किया और बहस के आखिर में नेता सदन हेमंत सोरेन ने भी चंपाई सोरेन के मुख्यमंत्रित्वकाल की सराहना करने में कोई कंजूसी नहीं कर पाए।
हेमंत सोरेन बोले – चंपाई सोरेन ने झारखंड में निर्भीकता से चलाई सरकार
यह अनायास नहीं रहा कि तीसरी बार झारखंड की सत्ता संभालने के लिए जेल से छूटने के बाद जिस चंपाई को हेमंत सोरेन ने सपाट अंदाज में सीएम की कुर्सी से हटाया, उसी चंपाई के बारे में भरे सदन में तारीफ के पुल बांधते दिखे। अपने संबोधन में हेमंत सोरेन ने विश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सदस्यों को धन्यवाद देने के साथ ही पूर्व सीएम चंपाई सोरेन का निर्भीक सरकार चलाने के लिए आभार व्यक्त किया। चंपाई का ही जिक्र करते हुए उन्होंने एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश ने लोकसभा के चुनाव में उनको चेहरा दिखा दिया है और अब बारी है विधानसभा चुनाव की जिसमें उनके षड्यंत्र में उनको ही दफन कर दिया जाएगा। आगे हेमंत सोरेन ने कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हम आज विश्वास प्रस्ताव लाए हैं और इसके पहले भी चंपाई सोरेन ने विश्वास मत लिया था।
सुदेश महतो बोले – बतौर सीएम चंपाई ने आदिवासियत को फलने-फूलने का मौका दिया
इस क्रम में झारखंड और झारखंडियों के मुद्दे पर सियासत करने वाली आजसू के सुप्रीमो सुदेश महतो का सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत पर बहस के दौरान दिया गया संबोधन काफी अहम रहा। उन्होंने जेएमएम की अगुवाई वाली राज्य की मौजूदा आईएनडीआईए गठबंधन की सरकार की जहां खुलकर आलोचना की और सधे लहजों में चासनी से डूबे शब्दों से छलनी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी तो लगे हाथ पूर्व सीएम चंपाई के तारीफ कसीदे पढ़ कर सबको निरुत्तर किए रखा। उनके इस संबोधन के दौरान सत्ता पक्ष से लेकर प्रतिपक्ष, सभी एकाग्र होकर पूरी बात को सुनते देखे गए। सुदेश महतो ने चंपाई सोरेन को बधाई देते हुए कहा कि आपका कार्यकाल 5 महीने का ही रहा लेकिन इस दौरान आपने जनतंत्र के आचरण को अपनाया और उसे फलने-फूलने का अवसर दिया। इसी क्रम में सुदेश ने चंपाई सोरेन के लिए आगे कहा कि आपने आदिवासियत को फलने-फूलने का मौका दिया। आजसू सुप्रीमो ने कहा कि झारखंड की गठबंधन सरकार के घोषणा पत्र में 400 संकल्प थे। उनमें से कोई भी संकल्प पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ। बेरोजगारी झारखंड में बहुत बड़ा मुद्दा है। राज्य की मौजूदा गठबंधन सरकार अब तक 50 हजार सरकारी नौकरी भी युवाओं को नहीं दे पाई। आज तक एक भी नीति नहीं बन पाई पूर्ण रूप से। समग्र रूप में देखें तो राजतंत्र की ओर बढ़ रही है मौजूदा झारखंड सरकार। सुदेश महतो ने आगे कहा कि विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए आप यहां हैं लेकिन अब तो समय जनता के बीच जाकर जनादेश हासिल करने का है।
चंपाई सोरेन बोले – झारखंड को बना दिया केंद्रीय एजेंसियों की प्रयोगशाला
सोमवार को सदन में जिस वक्ता के खड़े ही सभी की निगाहें बरबस की एकाएक उधर को ही मुड़ गईं, वह थे पूर्व सीएम चंपाई सोरेन। अपने ठेठ कोल्हानी अंदाज में जब उन्होंने बोलना शुरू किया तो प्रतिपक्ष वालों के साथ सत्ता पक्ष वाले भी बड़े ध्यान से उन्हें सुनते देखे गए लेकिन चंपाई तो मानों में रौ में थे। ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग पर सधे लहजे में चिंताजनक अंदाज में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि हमारे प्रदेश को केंद्रीय एजेंसियों का प्रयोगशाला बना दिया दिया गया है। इसके बाद उम्र की वरिष्ठता के लिहाज से वह सियासी दार्शनिक रूप में सामने आए। सभी दलों को झारखंड के हित में चंपाई सोरेन ने कहा कि हम प्रदेश के आदिवासियों की स्थिति में सुधार के लिए मिलकर काम करें, सकारात्मक विचार के साथ आगे बढ़ें क्योंकि एक-दूसरे पर लांछन लगाकर हम कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे। हम जनता के बीच से आए हैं और जनता की भावनाओं का आदर करते हुए अपने-अपने आदर्श और विचारधारा की सियासत करें।
आदिवासियों की घटी आबादी पर पूर्व सीएम चंपाई ने जताई चिंता
अपने इसी संबोधन में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने झारंखड के मूलवासियों और आदिवासियों को जैसी चिंता जाहिर की, वह सभी पक्षों को झकझोरने वाला रहा। जेएमएम के अनुभवी और वरिष्ठ नेता के रूप में अपने मायने को भी उन्होंने बखूबी समझाया। खुलकर बोलते हुए चंपाई सोरेन ने कहा कि मुझे कुछ दिन के लिए गठबंधन की ओर से झारखंड सरकार का नेतृत्व दिया गया। उसी बीच आम चुनाव हुए और 3 महीने उसी में बीत गए। झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही इस प्रदेश का नेतृत्व किया लेकिन अफसोस यह रहा कि प्रदेश में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं आया। आगे चंपाई सोरेन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने आदिवासियों की जनसंख्या कम होने की बात कही है तो रांची में भी यही स्थिति है। आखिर क्यों कम हो गई आदिवासियों की आबादी, इस पर सभी को खुले मन से सोचने की जरूरत है। झारखंड गरीब प्रदेश नहीं है। यह खनिज संपदा और वन संपदा से परिपूर्ण है लेकिन हम सबके प्रयास के बाद भी आदिवासियों का विकास नहीं हो पाया जो कि चिंता का विषय है।