बिहार सरकार का एक्शन, प्रधान सचिव के पद से मुक्त हुए IAS अधिकारी

बिहार सरकार का एक्शन, प्रधान सचिव के पद से मुक्त हुए IAS अधिकारी

पटना : बिहार की राजधानी पटना से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार में आईएएस संजीव हंस पर गाज गिरी है। संजीव हंस पर रेप से लेकर करप्शन तक का आरोप है। बिहार सरकार ने आईएएस संजीव हंस पर कार्रवाई की है। वहीं आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी की कार्रवाई झेल रहे आईएएस संजीव हंस को ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद से हटा दिया गया। कुछ दिन पहले ईडी की टीम ने इनके आवास समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। वह बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक भी थे।

आपको बता दें कि आइएएस संजीव हंस को बिजली विभाग के अतिरिक्त प्रभार से भी मुक्त कर दिया गया है। वहीं अगले आदेश तक 1993 बैच के आईएएस संदीप पौंडरीक को ऊर्जा विभाग का अपर मुख्य सचिव और अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, बिहार स्टेट पॉवर (हॉल्डिंग) कंपनी लिमिटेड पटना के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे। बता दें कि रेप और अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोपी आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) लगातार कार्रवाई तेज करती जा रही है। 1997 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी बताए जाते हैं। एक महिला ने संजीव हंस और पूर्व राजद विधायक गुलाब यादव पर रेप का आरोप भी लगाया था। उसके बाद आय से अधिक संपत्ति मामले में उनके कई ठिकानों पर बीते दिनों ईडी की छापेमारी भी हुई थी। संजीव हंस और गुलाब यादव दोस्त बताए जाते हैं। वहीं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के दौरान करोड़ों की जमीन और मकान के दस्तावेज मिले थे।

सूत्रों के मुताबिक, संजीव हंस के आवास से 40 लाख की कीमत की विदेशी कंपनियों की 15 बेशकीमती घड़ियां भी बरामद की गई थी। इसके साथ ही एक किलो से ज्यादा सोना और जेवरात भी बरामद हुए थे। संजीव का पंजाब के अमृतसर में भी एक घर है। इनकी संपत्ति का पता विदेशों में भी लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रधान सचिव कि मेहरबानी से SBPDCL के जीएम रेवेन्यू अरविंद कुमार एंव उनके परिवार जनों के नाम पटना सहित देश के कई राज्यों में वेश कीमती प्लाट और फ्लैट है। अरविन्द कुमार करीब एक दशक से भी अधिक समय से अपने पद पर स्थापित है जबकि वह अकॉउंट सेक्शन से आते हैं। इनपर साहब की विशेष मेहरबानी बनी हुई है।

वहीं संजीव हंस के खास ओसडी विनोद कुमार के जहानाबाद और पटना आवास पर भी ईडी का छापा मारा गया। लेकिन अब तक इन पर कोई कारवाई नही हुई है। जब से संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव बने हैं तब से लेकर अब तक विद्युत भवन भ्रष्टाचारियों का अड्डा बना हुआ है। कहा जा रहा है कि हर किसी कार्य को करवाने के लिए कार्यलय में एक रेट चार्ट (मूल तालिका) बनी हुई है। जिसमें प्रमोशन का रेट अलग है। कंपनी से दूसरे कंपनी में ट्रांसफर करवाना है उसका रेट अलग है। यानी कि बिना पैसा लिए ट्रांसफर पोस्टिंग नामुमकिन है मिलने के बाद सिर्फ आश्वासन मिलेगा। इन सभी कार्यों की देख रेख ओएसडी विनोद कुमार करते हैं। बड़ी खबर यह भी आ रही है कि ईडी ने पूछताछ के लिए संजीव हंस को समन भेजा है।

मिली जानकारी के अनुसार, संजीव हंस के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिल चुके हैं। अब तक करीब दो दर्जन लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। संजीव हंस के दो करीबियों ने ईडी का गवाह बनना स्वीकार कर लिया है। इसे ईडी के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। अब इसी सप्ताह ईडी संजीव हंस के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। संजीव हंस को पूछताछ के लिए बुलाने की भी तैयारी चल रही है। अभी तो अलीबाबा पर ईडी ने शिकंजा कसा है। ऊर्जा विभाग के चालीस चोर अब भी ईडी के पहुंच से दूर हैं जिनकी पहचान कर त्वरित कार्रवाई की जरूरत है।

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