बांका : पदाधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक लगातार गुहार लगाने के बाद जब सड़क नहीं बनी। आवाजाही में परेशानी से तंग ग्रामीणों ने थक-हारकर अपने प्रयास से सड़क निर्माण करने की ठान ली। यह बात बांका जिला के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत लोगाई गांव के दलित टोला की है। वर्षों तक ग्रामीण सरकार के स्तर से सड़क निर्माण कार्य शुरू होने का इंतजार करते रहे लेकिन न किसी राजनेता या न तो पदाधिकारी ही इस सड़क निर्माण कराने में आगे आए। थक हार कर ग्रामीण खुद से ही सड़क निर्माण कार्य में जुट गए हैं।
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आजादी के 78 साल बाद भी हमलोग सड़क जैसी महत्वपूर्ण सुविधा के लाभ से वंचित हैं – ग्रामीण राजीव कुमार
सड़क निर्माण कार्य की अगुवाई कर रहे ग्रामीण राजीव कुमार ने बताया कि आजादी के 78 साल बाद भी हमलोग सड़क जैसी महत्वपूर्ण सुविधा के लाभ से वंचित हैं। लोगाए महादलित टोला से लेकर डिमारा तक जाने के लिए लोगों को तीन किलोमीटर तक सड़क ही नहीं है। जिससे इस क्षेत्र के करीब 10 हजार की आबादी को पगडंडियों होकर गुजरना पड़ता है। खासकर बरसात के दिनों में भीषण परेशानी उठानी पड़ती है।
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कोई ग्रामीण बीमार पड़ जाते हैं तो अस्पताल तक लाने में काफी कठिनाई झेलनी पड़ती थी
दरअसल, जब कोई ग्रामीण बीमार पड़ जाते हैं तो अस्पताल तक लाने में काफी कठिनाई झेलनी पड़ती है। कई बार तो सड़क नहीं रहने का खामियाजा भी ग्रामीणों को भुगतना पड़ा है। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने पर मरीज की मौत तक हो जाती है। सड़क नहीं रहने का दर्द यहां के लोगों को सालों से परेशान कर रहा था। बमबम कुमार ने बताते हैं कि एक दिन हम ग्रामीणों ने तय किया कि क्यों न खुद ही सड़क बनाने का काम प्रारंभ किया जाए। आपस में ही ग्रामीण चंदा इकट्ठा कर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया। इसके लिए ग्रामीणों ने आपसी चंदे के इकट्ठा कर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ किया। मौके पर बमबम कुमार, अनूप कुमार, मनीष कुमार और हरि दास सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।
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दीपक कुमार की रिपोर्ट