West Singhbhum– सोनुआ प्रखण्ड में आज कल आईटी सेक्टर में लाखों का पैकेज पाने वाले युवा ग्रामीणों के साथ खड़े होकर सड़क की मांग कर रहे है. ग्रामीणों को गोलबंद कर राज्यपाल से मुलाकात कर बदहाल सड़क के पुनर्निमाण की गुहार लगा रहे है.
इन्ही युवाओं में से एक हैं अमित महतो, अमित महतो दिल्ली में किसी बड़ी आईटी कंपनी काम करते था, लाखों का पैकेज था, शानदार जिंदगी थी, लेकिन गांव आते ही सब कुछ ठहरा नजर आता था. जिस सड़क पर अमित का बचपन बिता उस सड़क में कोई सुधार नहीं हुआ, उल्टे सड़क की बदहाल बढ़ती ही गयी. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से लेकर सड़क निर्माण की दर्जनों योजनाएं सिर्फ कागज पर ही दौड़ती रही. लेकिन सोनुआ प्रखण्ड के इस सड़क की बदहाली दूर नहीं हुई.
18 वर्षों से किसी जन प्रतिनिधि की नजर इस सड़क पर नहीं गयी. किसी ने इसकी सुध नहीं ली. जबकि करीबन 25 गांवों का आना-जाना इस सड़क से होता है.
बताया जा रहा है कि खस्ताहाल सड़क के कारण अब तक कम से कम 40 से अधिक जच्चे-बच्चे की मौत हो चुकी है. एम्बुलेंस जाने की बात तो सोची भी नहीं जा सकती, सड़क की हालत ऐसी है कि इस पर पैदल भी चलना मुश्किल है.
सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों ने पहल नहीं की ऐसी भी बात नहीं है, 25 गांवों ने ग्राम सभा से सड़क निर्माण की अनुशंसा कर संबंधित अधिकारियों को भेजा था, लेकिन ग्राम सभा की यह अनुशंसा किसी कुड़ेदान में फेंक दी गयी.
अब अमित महतो और इनके साथियों ने ग्रामीणों को एकजुट कर राज्यपाल से मिलकर सड़क निर्माण की गुहार लगायी है. मुखिया दिनेश चंद्र जो खुद भी एक पीएचडी डिग्री होल्डर हैं, सड़क निर्माण के इस जंग में अमित के साथ खड़े हैं.
अमित का कहना है कि जब तक सड़क का निर्माण नहीं हो जाता यह आन्दोलन जारी रहेगा, ताकि अब किसी और जच्चे बच्चे की मौत नहीं हो. फिलहाल अमित इस आंदोलन को जारी रखने के लिए ग्रामीणों से एक किलो चावल, एक किलो आलू , एक किलो प्याज और 10 रुपये की सहयोग राशि की मांग कर रहे है.
रिपोर्ट- मदन
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