रांचीः JSSC CGL पेपर लीक और 31 जनवरी को 4000 निर्दोष छात्रों पर हुई गैर जमानती एफआईआर और आगे की रणनीति को लेकर झारखण्ड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस को सम्बोधन करते हुए जेएसएसयू प्रमुख देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि 24 साल के झारखण्ड के इतिहास का सबसे बड़ा नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा JSSC CGL परीक्षा है।
7 लाख 50 हजार छात्रों ने भरा था फॉर्म
इसमें लगभग 7 लाख 50 हजार छात्र फार्म भरे, 6 लाख 40 हजार एडमिट कार्ड जारी किया गया, 24 जिलों समेत अनुमंडल में कुल लगभग 1500 परीक्षा केंद्र पर 2 दिन में परीक्षा लेने का तैयारी किया गया।
इस परीक्षा का तैयारी पिछले 10 वर्षों से झारखंडी आदिवासी, मूलवासी, किसान, मजदूर, गरीब, के बेटे छात्र दिन रात एक करके तैयारी किया, लेकिन 28 जनवरी को परीक्षा से पेपर लीक होने पर सभी छात्रों का सपना चकनाचूर हो गया।
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पेपर लीक का ठोस सबूत पाने के बाद सीबीआई जांच, एजेंसी ब्लैकलिस्टेड अध्यक्ष का इस्तीफा और तत्काल विश्वसनीय एजेंसी का टेंडर कराकर परीक्षा का अयोजन करने की मांग को लेकर झारखण्ड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान करते हुए 29 जनवरी को सम्पूर्ण झारखंड में JSSC अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया।
31 जनवरी को SSC कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया था
दूसरे दिन सम्पूर्ण झारखंड में कैंडल मार्च निकाला गया, पर फिर भी हमारी मांग पूरी नहीं हुई। अन्ततः 31 जनवरी को पूर्व प्रशासनिक सूचना प्रेषित कर JSSC कार्यालय के समक्ष शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया। दिन के 11 बजे से 3 बजे तक सब शांतिपूर्ण चला।
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लेकिन उसी बीच में आंदोलन को कमजोर कर लगभग 500 करोड़ से ज्यादा घोटाला करने वाले पेपर लीक गिरोह को बचाने की साजिश से आयोग के अध्यक्ष और प्रशासन द्वारा सुनियोजित तरीके भाड़े से असामाजिक तत्व को बुलाकर कर उपद्रव मचाया गया। आयोग कार्यालय को क्षति पहुंचाया गया, अध्यक्ष का गाड़ी को क्षति पहुंचाया गया जो अशोभनीय है, निंदनीय है।
बाहरी उपद्रवी लोगों ने मचाया था उपद्रव
आयोग को क्षति पहुंचाने वाले एक भी छात्र नहीं, ये सभी बाहरी उपद्रवी है इसका पुष्टि आयोग के सीसीटीवी कैमरे फुटेज को सार्वजनिक कर किया जाये और दूसरी तरफ साजिश के तहत कुछ ईमानदार छात्रों को टारगेट करके करते हुए 15 नामजद समेत कुल 4000 छात्रों पर गंभीर से गंभीर आरोप लगाते हुए फर्जी गैर जमानती मुकदमा करके परेशान किया जा रहा है।
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मौके पर देवेन्द्र नाथ महतो ने यह भी कहा कि निर्दोष पीड़ित छात्रों पर लगे सभी गंभीर आरोप आईपीएससी की धारा 147/148/149/186/188/307/323/332/353/427/504/506 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 3 ये सभी आयोग के अध्यक्ष और परीक्षा एजेंसी पर लगना चाहिए।
दोषीदार आयोग के अध्यक्ष और एजेंसी को बचाया जा रहा है
दोषीदार आयोग के अध्यक्ष और एजेंसी को पेपर लीक वाले को बचाया जा रहा है इसीलिए ये लोग का हिम्मत बढ़ता जा रहा है और जान से भी मारने की धमकी भी दे रहें हैं। देवेन्द्र नाथ महतो ने प्रेस के माध्यम से कहा कि झारखंड में बालू माफिया, कोयला माफिया, पत्थर माफिया, जमीन माफिया के बाद अब शिक्षा माफिया हावी हो रहें हैं जिसे किसी भी हाल में पूरा नहीं होने नहीं दिया जाएगा।
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31 जनवरी को जेएसएससी कार्यालय के समक्ष जो भी भीड़ जमा हुआ था उसका जिम्मा लेते हैं लेकिन जो अप्रिय घटना हुआ उसका जिम्मा हम नहीं लेते हैं। फिर भी कानून का सम्मान करते हैं, संविधान पर आस्था लेते हैं इसीलिए बाकी छात्रों को परेशान नहीं किया जायेगा जो धारा है मेरे ऊपर लगाया जाये।
होटवार भी जाना पड़े तो मैं तैयार हूं
उन्होंने प्रेस के माध्यम से जानकारी देते हुए कहा कि जेएसएससी कार्यालय का कचड़ा को साफ करने के लिए मुझे सिल्ली से होटवार भी जाना पड़े तो तैयार है। सरकार को अगर लगता है कि भ्रष्टाचार को उजागर करना, इतना बड़ा बड़ा गम्भीर आरोप लगाना जायज है तो हम बेल फाईल नहीं करेगें।
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बल्कि अगामी 10 फरवरी को दिन 12 बजे से 03 बजे तक बापू वाटिका के समक्ष बापू जी के प्रतिमा के नीचे अपने गिरफ्तारी हेतु एकदिवसीय उपवास में उपस्थित दर्ज करेंगे। मीडिया वार्ता में देवेंद्रनाथ ने कहा कि 10 फरवरी को सरकार हमें हथकड़ी लगाकर जेल भेज दें। इस मीडिया वार्ता के दौरान सैकड़ों छात्र, शिक्षक एवं अभिभावक गण मौजूद रहे।