MUNGER: मुंगेर में औचक निरीक्षण के दौरान जब बच्चों के
साथ- साथ शिक्षक भी सामान्य प्रश्नों का उत्तर भी नहीं दे पाए
तो डीएम नवीन कुमार भड़के और कार्रवाई का निर्देश दिया.
डीएम ने डीईओ को शिक्षकों का 10 दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया.
बताया गया कि डीएम मध्य विद्यालय बेनेगीर, उर्दू प्राथमिक विद्यालय
चकासिम और उच्च माध्यमिक विद्याय श्रीमतपुर में
शैक्षणिक व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे और क्लास रूम में
बच्चों से आम सवाल पूछे जैसे वे किस देश में रहते हैं,
किस राज्य में रहते हैं, या उनके जिले का नाम क्या है.
इसमें जो जवाब बच्चों ने दिया वो शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी था.
बच्चों ने बिहार को देश और भारत को राज्य बताया
इन स्कूलों के बच्चों ने बिहार को देश बताया, भारत को राज्य और जिला को मुफस्सिल को बताया। यहां तक कि उर्दू स्कूल में पांचवी क्लास के बच्चे उर्दू में अपना नाम तक नहीं लिख पाए. यहां तक कि किसी बच्चे को ग्रह क्या है यह भी मालूम नहीं था. डीएम के सवालों का जवाब जब बच्चे नहीं दे पाए तब शिक्षकों से सवाल किया गया. ग्रह क्या है इसका जवाब शिक्षक नहीं दे पाए. जिसके बाद डीएम ने वहीं भरे क्लास में शिक्षकों को क्लास लगाते हुए कुछ गणित के चंद सवाल गणित में एमएससी किए शिक्षक से पूछा। पर शिक्षक द्वारा इन सवालों का हल नहीं किया जा सका.
जिसके बाद खुद डीएम ने चॉक लेकर ब्लैकबोर्ड पर फॉर्मूला सुलझाया. और शिक्षकों को फटकार लगाई. यहां तक कि सभी शिक्षकों का दस दिन का वेतन काटने का निर्देश डीईओ को देते हुए कहा कि अगर ये शिक्षक अपने में सुधार नहीं लाते तो सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. डीएम ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था में अभी और सुधार की जरूरत है. सरकार व्यवस्था तो कर रही पर शिक्षक बच्चों के उचित शिक्षा नही दे पा रहे है.
रिपोर्ट: अमितेश सिन्हा