Chaibasa : चाईबासा में आज पीएम मोदी ने कांग्रेस, जेएमएम और राजद पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि भारत के इतिहास में कांग्रेस और राजद इनसे बड़ा आदिवासी विरोधी कोई नहीं हुआ है। नौजवानों को पुराने दिन याद दिलाना जरुरी है। 80 के दशक में जब बिहार और दिल्ली दोनों जगहों पर कांग्रेस की सरकार थी और तब झारखंड बिहार से अलग नहीं हुआ था तब यहां क्या हुआ था यह अपने दादा-दादी से पूछिए। यहां गुआ गोलीकांड हुआ था। जिस तरह की बर्बरता कांग्रेस ने की थी उसी प्रकार कांग्रेस ने आदिवासियों का खून बहाया था।
Chaibasa : अपना हक मांगने वाले आदिवासियों को कांग्रेस ने गोलियों से भून दिया
कांग्रेस की सरकार ने आदिवासी भाईयों को गोलियों से भून दिया था। आदिवासी बस अपना हक मांग रहे थे वे अलग झारखंड राज्य मांग रहे थे। राजद ने भी कहा था कि झारखंड उसकी लाश पर बनेगा। आपकी आकांक्षाओं और आपके सपनो से कितनी नफरत है इनको। जो आरजेडी अलग झारखंड के खिलाफ था अलग झारखंड बनने नहीं देना चाहता था उसकी गोदी में जाकर जेएमएम बैठ गई है।
कांग्रेस और आरजेडी आदिवासियों को सबसे बड़ी दुश्मन है। जिस कांग्रेस के दामन पर आदिवासियों के खून के छींटे हैं आज जेएमएम उसी के कंधे के सहारे सरकार चला रही है। झारखंड के लिए अपना बलिदान देने का इससे बड़ा आदिवासियों का अपमान नहीं हो सकता है।
भारत को विकसित बनाने के लिए आदिवासी समाज का विकास और मुख्यधारा से आदिवासियों को जोड़ना यह हमारी प्राथमिकता है। आदिवासी समाज की उचित भागीदारी के बिना कुछ भी संभव नहीं है बीजेपी ने इसपर बल दिया है। बीजेपी ने पड़ोस में उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में आदिवासी नौजवान को सीएम बनाया है। केन्द्र सरकार के अनेक शीर्ष पदो पर आदिवासी भाई-बहन उसका नेतृत्व कर रहे हैं।
जेएमएम, कांग्रेस और राजद कभी भी आदिवासियों का सम्मान नहीं कर सकती
देशभर के आदिवासी कल्याण की जिम्मेदारी उड़ीसा के जुएल उरांव और मध्यप्रदेश के दुर्गादास उल्के के पास है। देशभर को पोर्ट सीपिंग की जिम्मेदारी और हिन्दुस्तान को पूरे दुनिया से जोड़ने की जिम्मेदारी सर्वानंद सोनोवाल के पास है जो आदिवासी समाज का गौरव है। देश के महिला और बाल कल्याण जिम्मेदारी आदिवासी बहन सावित्री ठाकुर के पास है।
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दूसरी तरफ कांग्रेस को देखिए। आजतक कांग्रेस ने किसी भी आदिवासी को अपना अध्यक्ष नहीं बनाया। किसी को राष्ट्रपति नहीं बनने दिया। बीजेपी ने जब एक आदिवासी को राष्ट्रपति बनाने के लिए निकले तो कांग्रेस ने इसका भी विरोध किया। बीजेपी ने ही देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति दिया। जेएमएम, कांग्रेस और राजद कभी भी आदिवासियों को सम्मान नहीं कर सकती है हैं। वे बस अपमान करना जानते हैं।
कोल्हान की संतान चंपई सोरेन का जेएमएम ने अपमान किया है
उन्होंने कोल्हान की संतान और कोल्हान का गौरव चंपई सोरेन का भी घोर अपमान किया। जिस तरह से उन्हें अपमानित कर सीएम के पद से हटाया। ये अपमान सिर्फ चंपई का नहीं बल्कि पूरे कोल्हान का और पूरे झारखंड के आदिवासियों का है। क्या इस अपमान के लिए आप जेएमएम को इसकी सजा देंगे।
वोट के लिए कांग्रेस और जेएमएम वाले आदिवासी का अपमान करने से नहीं कतराते। आज कांग्रेस, जेएमएम और इनके सहयोगियों को आदिवासी राष्ट्रपति बर्दास्त नहीं हो रही है। इन्होंने सीता सोरेन के साथ किया किया ये सबको पता है। एक कांग्रेसी नेता ने सीता सोरेन के लिए जो कहा है वो देश के हर आदिवासी बहन,बेटी और मां का अपमान है। इसके बावजूद सीएम हेमंत के मुंह से एक शब्द नहीं निकला और यहीं जेएमएम की सच्चाई है। सत्ता सुख में जेएमएम को आदिवासियों का अपमान भी मंजूर है।