RANCHI : निलंबित आइएएस पूजा सिंघल ने शनिवार को जमानत की अवधि पूरी होने के बाद ईडी कोर्ट में सरेंडर किया. जहां से उन्हें रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया. पिछले महीने 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पूजा सिंघल 8 महीनों के बाद जेल से बाहर आयी थीं.

सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बेटी के इलाज के शर्त पर एक महीने की जमानत दी थी. इससे पहले गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूजा ईडी कोर्ट में हाजिर हुई थीं. कोर्ट ने इनके आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई के लिए 8 फरवरी की तिथि निर्धारित की है.
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी एक महीने की अंतरिम जमानत
पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट ने एक महीने की अंतरिम जमानत दी थी. पूजा सिंघल को इस दौरान दिल्ली एनसीआर में ही रहने की इजाजत दी गई थी. उन्हें यह जमानत उनकी बेटी की देखभाल के लिए दी गई है.
ईडी ने किया था पूजा सिंघल की संपत्ति को अटैच
मनरेगा घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर ईडी ने
निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की संपत्ति अटैच की थी.
करीब 82.77 करोड़ रुपये की संपत्ति ईडी ने अटैच की थी. ईडी द्वारा अटैच की गयी संपत्ति में पल्स सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, एक डायग्नोस्टिक सेंटर और जमीन के दो प्लॉट शामिल हैं.
पूजा सिंघल पर 18.06 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले का आरोप
बता दें कि 18.06 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले का आरोप
पूजा सिंघल पर खूंटी डीसी रहने के दौरान का है.
इस मामले में 6 मई को ईडी ने पूजा सिंघल के सरकारी आवास
समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी की कार्रवाई
पूजा सिंघल से जुड़े कई नजदीकियों और सीए सुमन कुमार के
ठिकानों पर भी की गई थी. इसमें भारी मात्रा में करोड़ों रूपए नकद और अहम दस्तावेज मिले थे.
रिपोर्ट : नीरज