डिजिटल डेस्क: मृत कांग्रेस कार्यकर्ता के पोस्टमार्टम की होगी वीडियोग्राफी, यूपी पुलिस ने कहा – अफवाह ना फैलाएं। बीते बुधवार को यूपी विधानसभा के घेराव के दौरान गोरखपुर निवासी कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत के मामले के सियासी तूल पकड़ते देख यूपी पुलिस ने ने भी अपना स्पष्टीकरण सामने रखा है।
यूपी पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है। साथ ही स्पष्ट किया है कि इस मौत में कहीं से भी यूपी पुलिस का कोई लेना-देना नहीं है। यूपी पुलिस ने स्थिति को और ज्यादा स्पष्ट करने के लिए मृत प्रभात पांडेय के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से कराने का फैसला लिया है। साथ ही कहा है कि इस पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
यूपी पुलिस ने कहा – मृत अवस्था में सिविल अस्पताल लाए गए थे प्रभात पांडेय…
पूरे मामले पर अपना पक्ष रखते हुए यूपी पुलिस ने कहा है कि – ‘बीते 18 दिसंबर की सायं लगभग 5 बजे कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडे (28 वर्ष) को कांग्रेस प्रदेश पार्टी कार्यालय से सिविल अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उन्हें मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया था।
…मृत प्रभात पांडेय गोरखपुर के सहजनवां का निवासी था। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि मृतक को आखिरी बार कांग्रेस प्रदेश पार्टी कार्यालय में देखा गया था, जहां वह बेहोशी की हालत में पाए गए। डॉक्टरों के अनुसार, प्रथम दृष्टया उनके शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं’।
प्रभात पांडेय मौत केस में यूपी पुलिस की अपील – इस संवेदनशील मामले में अफवाहों से बचें, ध्यान ना दें…
कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत के मामले में यूपी पुलिस की ओर जारी बयान में इस प्रकरण को संवेदनशील बताया गया है। यूपी पुलिस की ओर से डीसीपी (मध्य लखनऊ) रवीना त्यागी ने कहा कि – ‘घटना के संबंध में फैलाई जा रही अफवाहों पर लखनऊ पुलिस का पक्ष है कि प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर किसी भी प्रकार का बल प्रयोग किया ही नहीं गया था।
…इस घटना से जोड़कर गलत जानकारी व अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी ताकि कानून व्यवस्था और शांति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ सभी नागरिकों से अपील करती है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही अफवाह फैलाये, किसी भी जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।
…इस संवेदनशील मामले में सभी की भावनाओं का आदर किया जाएगा, और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए मृतक के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा वीडियोग्राफी के साथ कराया जाएगा। पुलिस विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए त्वरित और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करेगी’।

प्रभात की मौत का मामला लोकसभा में गूंजा, कांग्रेस ने योगी सरकार से 1 करोड़ का मुआवजा देने को कहा…
बीते बुधवार को कांग्रेस पार्टी के घोषित कार्यक्रम के दौरान गोरखपुर निवासी कांग्रेसी कार्यकर्ता की मौत तो सियासी तौर पर इसलिए भी तूल मिला कि प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्षेत्र शुरू से ही गोरखपुर रहा है और वहीं स्थित गोरक्षपीठधाम के वह पीठाधीश्वर भी हैं।अपने कार्यकर्ता की मौत पर कांग्रेस पूरी तरह से सरकार पर हमलावर बनी हुई है।
पहले राहुल गांधी ने इस मामले को संसद में उठाया तो वहीं यूपी कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि हम इस घटना को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अजय राय ने कहा कि – ‘प्रशासन हत्या की साजिश रच रहा था. कांग्रेस के लिए यह दुख की घड़ी है। कांग्रेस मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए देगी। योगी सरकार को मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को मुआवजे के रूप में सरकारी नौकरी देनी चाहिए’।
मृत कांग्रेस कार्यकर्ता गोरखपुर निवासी प्रभात पांडेय का ब्योरा एकनजर में…
गोरखपुर जिले के सहजनवां गांव के रहने वाले प्रभात पांडेय की उम्र 28 साल की थी। वह राजनीति में एक्टिव होने से पहले एक प्राइवेट बैंक में नौकरी किया करते थे। अजय कुमार लल्लू के प्रदेश अध्यक्ष वाले कार्यकाल के दौरान पांडेय बूथ कांग्रेस के महासचिव रह चुके हैं। प्रभात पांडेय परिवार के इकलौते बेटे थे। उनकी दो बहनें भी हैं।

बीते बुधवार को लखनऊ में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में प्रभात भी पहुंचे थे। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए जबरदस्त बैरिकेडिंग की थी। कांग्रेस दफ्तर से लेकर प्रेरणा स्थल तक कई लेयर में पुलिस बैरिकेडिंग थी। रास्ता बंद कर दिया गया था।
प्रभात पांडे की कथित तौर पर पुलिस के साथ झड़प के बाद, लखनऊ में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बीच मौत हो गई। डीसीपी (मध्य लखनऊ) रवीना त्यागी ने कहा कि मृत प्रभात की पहचान दीपक पांडे के बेटे के रूप में की गई है।
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