रांचीः झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन एवं श्रमिक संघ की बैठक मोरहाबादी स्थित राजकीय अतिथि शाला के सभागार में हुई. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन ने की. बैठक में यूनियन के संगठनात्मक बिंदुओं, मजदूर और विस्थापितों के ज्वलंत समस्याओं, यूनियन के सदस्यता अभियान और संगठन के मजबूती पर विचार किया गया. मौके पर सर्व समिति से संगठन विस्तार करने के लिए 2023 में सदस्यता अभियान चलाने और मजदूर-विस्थापितों के समस्याओं को लेकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. बैठक में मजदूर और विस्थापितों के ज्वलंत समस्याओं और हेमंत सरकार द्वारा निजी कंपनियों में विस्थापितों और स्थानीय को 75% नियोजन की घोषणा के क्रियान्वयन को लेकर क्षेत्रों में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया.
भाजपा नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार द्वारा 44 श्रम कानून में से 29 श्रम कानूनों को कंपनियों के मालिकों एवं पूंजीपतियों के हित में चार कोड में बदले जाने जैसे कानून को भाजपा रघुवर सरकार ने झारखंड में 2015, 2018 और 2019 में विधायक ने पास किया था. उसको हेमंत सरकार द्वारा संशोधित करते हुए लागू नहीं करने का प्रस्ताव दिया. जो स्वागत योग्य है. साथ ही केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों में कार्यरत आउट-सोर्स कंपनी मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 25000 एवं “समान काम-समान वेतन” लागू करवाने का प्रस्ताव लिया गया.
लैंड बैंक को अविलंब रद्द करने की अपील
रघुवर सरकार द्वारा विस्थापितों के जमीन से छीनने के लिए लैंड बैंक बनाया था, उसके जरिए अभी तक विभिन्न कंपनियों भू माफियाओं द्वारा नौकरशाह से गठजोड़ कर विस्थापितों के जमीन को लूट रहे हैं. प्रबंधन अपना प्लांट-खदान चला रही है. दूसरी तरफ विस्थापित अपने जमीन मकान के एवज में नौकरी- मुआवजा के लिए भटक रहे हैं. झारखंड में स्थित विभिन्न कंपनियों द्वारा ली गई विस्थापितों के जमीन के बदले मुआवजा और नौकरी नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त करते हुए वर्तमान हेमंत सरकार से लैंड बैंक को अविलंब रद्द करने की अपील किया है.
केंद्रीय समिति बैठक में मुख्य रूप से केंद्रीय उपाध्यक्ष केंद्रीय मथुरा प्रसाद महतो, विजय हांदसा, महासचिव फागु बेसरा, संगठन सचिव विनोद पांडे, शैलेंद्र कुमार मैथी, जय नारायण महतो, विजय रजवार, निशा हेमरोम, सपन बनर्जी, बोधन मांझी, लखी सोरेन, नकुल महतो, हराधन रजवार, अपूर्व सरकार, यूधेश्वर सिंह, रंथू उराव, सोनाराम मांझी, उमाशंकर चौहान, अर्चना गुप्ता, मुरारी ओझा, आरएन सिंह के साथ-साथ यूनियन के सभी केंद्रीय समिति सदस्य उपस्थित थे.