Simdega : सिमडेगा जिले के जलडेगा थाना और ओड़गा ओपी क्षेत्रों में अवैध ईंट भट्ठों का कारोबार बेतहाशा फैलता जा रहा है। कारीमाटी, खरवागढ़ा, कोलोमडेगा, सावनाजरा, बड़कीटांगर, सेमेरिया, बलडेगा और परबा जैसे गांवों में दर्जनों अवैध ईंट भट्ठे बिना किसी सरकारी अनुमति के संचालित हो रहे हैं।
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Simdega : पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से हो रहा पर्यावरण को नुकसान
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन भट्ठों में ईंट पकाने के लिए बड़ी मात्रा में लकड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके लिए जंगलों से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। कई वर्षों पुराने हरे-भरे पेड़ों को काटकर ईंधन के रूप में जलाया जा रहा है। इसके चलते पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में पड़ गया है।
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चौंकाने वाली बात यह है कि इस अवैध गतिविधि की जानकारी स्थानीय प्रशासन, खनन विभाग और वन विभाग को होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि संबंधित विभागों की मौन सहमति से ही यह गैरकानूनी कारोबार फल-फूल रहा है।
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ईंट भट्टों से वायु प्रदूषण फैल रहा है
सूत्रों के मुताबिक, ईंट भट्ठा संचालक एक जगह भट्ठा तैयार कर उसमें ईंट पकाने के बाद, तुरंत तैयार ईंटों को हटाकर उसी स्थान पर नया भट्ठा खड़ा कर देते हैं। यह प्रक्रिया इतनी तेजी से होती है कि अधिकारी जब तक कार्रवाई की योजना बनाएं, तब तक भट्ठा पहले ही खाली हो चुका होता है।
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प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करने की मांग
इन अवैध ईंट भट्ठों से न केवल जंगल नष्ट हो रहे हैं, बल्कि वायु प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह धुआं गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर रहा है।
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स्थानीय ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि वह तत्काल प्रभाव से इन अवैध ईंट भट्ठों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। साथ ही यह भी मांग की गई है कि वन विभाग क्षेत्र में गश्ती बढ़ाए और पेड़ों की कटाई पर रोक लगाए। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो आने वाले वर्षों में जलडेगा और ओड़गा क्षेत्र पर्यावरणीय संकट के गवाह बन सकते हैं।
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