पटना : राज्य के पुलिस अधिकारियों की संपत्ति का ब्योरा सामने आ गया है। जिसमें एक दिलचस्प आंकड़ा देखने को मिला है। बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार से संपत्ति मामले में पटना के वरीय पुलिस अधिकारी (SSP) अवकाश कुमार उनसे काफी आगे निकल गए हैं। डीजीपी से ज्यादा अमीर एसएसपी हैं। डीजीपी के पास जहां कुल 45.33 लाख रुपए की संपत्ति है, वहीं पटना के एसएसपी 2.22 करोड़ रुपए के मालिक हैं। एडीजी कुंदन कृष्णन सहित कई अधिकारियों की संपत्ति की भी जानकारी दी गई है।
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DGP ने अपनी संपत्ति में बिहटा और अनीसाबाद स्थित घर की कीमत का नहीं किया है उल्लेख
पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने अपनी कुल संपत्ति में बिहटा में 3224 वर्ग फीट के प्लॉट और अनीसाबाद पुलिस कॉलोनी स्थित घर की कीमत का उल्लेख नहीं किया है। वहीं, एसएसपी अवकाश कुमार की संपत्ति में चल-अचल दोनों प्रकार की संपत्तियां शामिल हैं, जिससे उनकी कुल संपत्ति अधिक दिख रही है।
DGP के खाते में है 15.60 लाख रुपए
डीजीपी विनय कुमार के सेविंग खाता में 15.60 लाख रुपए हैं। 2.55 लाख रुपए की एफडी भी है। 25.00 लाख का सोना और 1.15 लाख की चांदी है। अनिसाबाद की पुलिस कॉलोनी में दो हजार वर्ग फीट जमीन और नोएडा में आम्रपाली सफायर में फ्लैट है। फ्लैट लोन लेकर खरीदा था, जो अब खत्म हो गया है।
ADG कुंदन का गुरुग्राम में 2.7 करोड़ का फ्लैट
एडीजी पुलिस मुख्यालय कुंदन कृष्णन के पास गुरुग्राम में 2.7 करोड़ रुपए मूल्य का फ्लैट है। उनके पास कोई गाड़ी नहीं है। उनकी पत्नी के पास चारपहिया वाहन है। उनके पास 250 ग्राम और उनकी पत्नी के पास 400 ग्राम सोना है। नालंदा व पटना समेत उनके पास 3.67 करोड़ रुपए से अधिक राशि की पैतृक संपत्ति है।
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IAS कुमार रवि के पास गाड़ी नहीं
मुख्यमंत्री के सचिव और भवन निर्माण के सचिव कुमार रवि के पास अपनी कोई गाड़ी नहीं है। उनके पास नकद 15 हजार रुपए हैं। जबकि उनके पास बैंक में 10.11 लाख कैश समेत 46.4 लाख रुपए जमा हैं। साथ ही उनके पास विभिन्न संस्थानों के 19.5 लाख रुपए के बॉन्ड है। उनके पास 45 ग्राम सोना है। जबकि पटना में लोन पर लिया 53.42 लाख रुपए का फ्लैट है। नालंदा के पैतृक गांव में 8.5 एकड़ जमीन के साथ अन्य संपत्ति है। उन्होंने 25 लाख रुपए का लोन भी ले रखा है।
अफसरों की संपत्ति सार्वजनिक, कई का ब्योरा लंबित
सोमवार को बिहार के बड़े पुलिस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक किया। हालांकि, देर रात तक भी कई अधिकारियों की जानकारी सरकारी वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो सकी थी। बिहार में अधिकारियों की संपत्ति का सार्वजनिक करना पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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चंदन कुमार तिवारी की रिपोर्ट